अमरावती : देखा जाए ताे बेटियां आज भी समाज के कंधाें पर बाेझ मानी जाती हैं यही वजह है कि उनके पैदा हाेने पर उतनी खुशी नहीं मनाई जाती जितनी बेटा के पैदा हाेने पर हाेती है
लेकिन काेराेना महामारी के इस दाैर में ऐसी कई घटनाएं सामने आ रही हैं जब परिजन ही संक्रमण के डर से अपनाें के पास जाने और उनका शव लेने से भी इनकार कर रहे हैं, ऐसे में एक बेटी तडपते कोरोना संक्रमित पिता को अकेला मरते हुए छोड़ने से इंकार कर देती है.
बेटी के सामने काेराेना संक्रमित पिता ने ताेड़ा दम मां के लाख मना करने पर भी वह न केवल अपने काेराेना संक्रमित पिता के पास जाती है बल्कि अंतिम समय में अपने पिता काे पानी भी पिलाती है, बेटी के हाथ से पानी की दाे घूंट पीने के बाद ही काेराेना संक्रमित पिता की तो माैत हाे जाती है. परंतु यह दर्दनाक घटना अन्य लोगों के लिए एक सीख छोड जाती है कि बेटी ही आखिरी समय में अपने पिता का सहारा बनी. यह घटना है आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले की है.
जहां अपने पिता को अपने आंखाें के सामने दम ताेड़ते हुए देखकर बेबस और लाचार बेटी फूट-फूट कर राेने लगती है. वह अपने पिता काे बचाने के लिए छटपटाती है, लेकिन अफसाेस कुछ नहीं कर पाती. उसकी मां उसे बार-बार काेराेना संक्रमित पिता के नजदीक जाने से राेकती है. बावजूद इसके वह अपने पिता के पास जाती है और किसी तरह उनके मुंह में पानी की दाे घूंट देती है और जिसको पीने के बाद उसका पिता दुनिया को अलविदा कह देता है.
जानकारी के मुताबिक, श्रीकाकुलम के रहने वाले असिरी नायडु (44) विजयवाड़ा में मजदूर के रूप में काम करते थे. हाल ही में वह कोरोना पॉजिटिव हाे गए और किसी तरह रविवार काे अपने परिवार के पास पहुंचे. संक्रमण फैलने के डर से गांव के स्थानीय लोगों ने उन्हें गांव से कहीं दूर रहने की सलाह दी थी.
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इसी बीच असिरी नायडु की स्थिति गंभीर हो गई और वह गिर पड़े. उनके करीब जाने की किसी की हिम्मत नहीं हुई. यहां तक कि उनकी पत्नी भी उनसे दूर रहती है. ऐसे में मां ने बेटी को भी नजदीक नहीं जाने चेतावनी दी, लेकिन पिता काे आंखाें के सामने दम ताेड़ते देखकर बेटी अपने आप काे नहीं राेक पाई और ने केवल उनके पास गई बल्कि उन्हें पानी पिलाया जिसके बाद असिरी नायडु ने अंतिम सांस ली.