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शिवराज सरकार ने लॉटरी और सट्टा खेलने की दी मंजूरी, कांग्रेस ने कहा- बन गया मप्र आत्मनिर्भर

प्रदेश (MP) की शिवराज सरकार (Shivraj Govt) ने नोटिफिकेशन (notification) जारी कर लॉटरी (lottery) और सट्टा (satta) खेले जाने के अनुमति दी है. इस संबंध में कांग्रेस (Congress) ने बीजेपी (Bjp) पर जमकर निशाना साधा है. कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश में शिवराज सरकार नवाचार की बात करती है, लेकिन रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए जुए और सट्टे के लिए सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.

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Published : Sep 6, 2021, 9:31 PM IST

भोपाल : प्रदेश (MP) में एक बार फिर लॉटरी (Lottery) और सट्टा (Satta) शुरू किया जाएगा. इसके लिए 23 अगस्त 2021 को मप्र सरकार (MP Govt) ने नोटिफिकेशन (notifications) जारी कर अनुमति दे दी है. मामले की जानकारी लगते ही कांग्रेस (Congress) ने शिवराज सरकार (shivraj Govt) को आड़े हाथों ले लिया है. कांग्रेस ने कहा कि मप्र (MP) में भाजपा (BJP) की शिवराज सरकार नवाचार (Innovation) की बात करती है, लेकिन रेवेन्यू (Revenue) बढ़ाने के लिए जुए और सट्टे के लिए सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. अब देखना होगा कि यह सरकार किस तरह से नैतिक मूल्यों (moral values) की रक्षा करेगी.

कांग्रेस का तंज बन गया मप्र आत्मनिर्भर
कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा (KK Mishra) ने ट्वीट (Tweet) कर कहा कि नई संस्कृति (New Culture), नवाचार (Innovation), पार्टी विथ डिफरेंस, हेडगेवार (K. B. Hedgewar), सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar), गोलवलकर (M. S. Golwalkar) और दीनदयाल (Deendayal Upadhyaya) सभी को एक साथ नमन. बन गया मप्र आत्मनिर्भर. मिश्रा ने अपने ट्वीट के साथ नोटिफिकेशन भी संलग्न किया है.

23 अगस्त को जारी हुआ नोटिफिकेशन
23 अगस्त 2021 को मप्र सरकार द्वारा जारी गजट नोटिफिकेशन (Notifications) में लॉटरी (Lottery) और सट्टा (Satta) की अनुमति (Permission) दी है. लॉटरी(विनियमन) अधिनियम 1998(1998 का 17) के अधीन और सार्वजनिक द्यूत अधिनियम 1867 (1867 का 3) के अधीन यह छूट दी गई है.

मप्र में लॉटरी और सट्टे का इतिहास
5 मार्च 1990 से 15 दिसम्बर 1992 तक की राज्य की भाजपा सरकार (Bjp Govt) में मुख्यमंत्री रहे सुंदरलाल पटवा (Sunder Lal Patwa) ने अवैध सट्टा (illegal betting) बाजार को रोकने के लिए लॉटरी शुरू की थी, परंतु जब कुछ ही माह में इसकी चौतरफा आलोचना हुई तो उन्होंने अध्यादेश लाकर इस पर प्रतिबंध लगा दिया था. वहीं दिग्विजय सिंह के सीएम रहते हुए उस समय खजुराहो में कैसिनो खेले जाने के प्रयास हुए थे, जिसे विपक्ष की आलोचना के कारण शुरु करने की अनुमति नहीं दी गई थी.

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