एर्नाकुलम (केरल) :केरल में हुए विधानसभा उपचुनाव में सरकार को बड़ा झटका लगा है. यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) ने त्रिक्काकारा विधानसभा क्षेत्र को रिकॉर्ड वोटों के साथ इस सीट पर एक बार फिर जीत दर्ज की है. यह सीट कांग्रेस विधायक पी टी थॉमस के निधन के बाद खाली हुई थी. यूडीएफ ने इस सीट पर उनकी पत्नी उमा थॉमस को उम्मीदवार बनाया था. उमा ने एलडीएफ उम्मीदवार डॉ. जो जोसफ को 24,300 वोटों से शिकस्त दी. जीत का दावा का दावा करने वाली भाजपा तीसरे नंबर पर रही. उमा थॉमस को 2021 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले वोट मिले. एलडीएफ की हार को यूडीएफ ने एंटी कंबेंसी बताया है. यूडीएफ के अनुसार, यह चुनाव परिणाम सिल्वरलाइन परियोजना को लागू करने के सरकार के कदम के खिलाफ एक जनमत है.
त्रिक्काकारा निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव को केरल की वाम मोर्चे की सरकार के लिए लिटमस टेस्ट माना जा रहा था. वहां पी. विजयन का यह दूसरा कार्यकाल है. अभी उनके दूसरे कार्यकाल का पहला साल ही बीता है और वह उपचुनाव हार रहे हैं. इस नतीजे के बात यूडीएफ खेमे ने राहत की सांस ली है. अब जीत ने राज्य कांग्रेस में नई जान फूंक दी है और कार्यकर्ताओं के विश्वास को फिर से जगा दिया है. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, केरल में ट्वेंटी-ट्वेंटी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने गठबंधन किया था, मगर इस गठबंधन ने थ्रीक्काकारा में अपना उम्मीदवार नहीं उतारा. इसका नतीजा यह रहा कि गठबंधन के समर्थक उमा थॉमस के पाले में चले गए और कांग्रेस उम्मीदवार उमा थॉमस रिकॉर्ड बहुमत से जीत गईं. वैसे भी 2011 में अस्तित्व में आया त्रिक्काकारा निर्वाचन क्षेत्र कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा है. 2011 के विधानसभा चुनावों में यूडीएफ उम्मीदवार बेनी बेहनन इस सीट से 22,406 मतों के अंतर से जीते थे. पीटी थॉमस ने 2016 और 2021 के विधानसभा चुनावों के दौरान सीट बरकरार रखी. इन दोनों चुनावों के दौरान केरल में एलडीएफ की लहर थी.