नई दिल्ली :मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसा की जांच करने वाले कांग्रेस के एक पैनल ने पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति पर चिंता जताते हुए मांग की है कि प्रधानमंत्री को कुकी जनजाति और मैतेई समुदाय से खुली बातचीत के लिए तुरंत एक बैठक बुलानी चाहिए. इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 17 मई को तीन सदस्यीय पैनल का नाम रखा था, जिसमें मुकुल वासनिक, अजय कुमार और सुदीप रॉय का नाम शामिल किया गया है. कांग्रेस ने मांग करते हुए कहा है कि पीएम, गृह मंत्रालय को शांति वार्ता आयोजित करने के लिए इन समुदाय के नेताओं की बैठक बुलानी चाहिए. साथ ही कहा गया है कि राज्य में लोग आपस में बातचीत नहीं कर रहे हैं.
मैतेई और कुकी के द्वारा खुद राहत शिविर चलाया जा रहा है. लेकिन राज्य सरकार कहीं भी राहत और शांति बहाल करती नजर नहीं आ रही है. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जांच पैनल के सदस्य अजय कुमार ने कहा कि दो मुख्य समुदायों के बीच एक संवाद आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि विस्थापित 54 हजार लोगों के लिए तत्काल पुनर्वास होना चाहिए. मणिपुर के हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 20 थाने जलाए गए, 20000 घर जलाए गए, पुलिस से 1000 सेमी ऑटोमेटिक राइफलें लूटी गईं, 150 चर्च चलाए जाने के साथ ही करीब 150 सशस्त्र दस्ते आजाद घूम रहे हैं.
कांग्रेस नेता के अनुसार, केंद्र को सीमावर्ती राज्य मणिपुर में भारी सामाजिक अशांति पर ध्यान देना चाहिए. पूर्व आईपीएस अधिकारी अजॉय कुमार ने कहा कि संकट अब केवल मणिपुर तक ही सीमित नहीं है. हजारों विस्थापित लोग सीमा पार कर मिजोरम आ गए हैं. इसके अलावा, एक सीमावर्ती राज्य में सामाजिक अशांति का हमारे पड़ोसी फायदा उठा सकते हैं. सीमावर्ती क्षेत्रों में कोई सुरक्षा नहीं है. इससे भी बदतर, आगजनी मंगलवार को फिर से शुरू हो गई. उन्होंने कहा कि अगर मणिपुर के प्रवासी मिजोरम जा रहे हैं, तो समस्या दूसरे राज्यों में बढ़ रही है. केंद्र को यह समझना चाहिए. उन्होंने कहा कि संकट को लेकर पीएम या एचएम की ओर से कोई ट्वीट नहीं किया गया है.