नई दिल्ली :फ्रांस की लोक अभियोजन सेवा (पीएनएफ) ने राफेल सौदे की जांच के आदेश दिए हैं. इस आदेश के बाद भारत में कांग्रेस पार्टी ने राफेल सौदे की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराने की मांग दोहराई है. सरकार पर निशाना साधा है.
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, 'बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, देशद्रोह, राजकोष को नुकसान से जुड़े राफेल घोटाले का घिनौना सच आखिर सामने आ ही गया है. इसने सौदे को लेकर मोदी सरकार की भूमिका को भी उजागर कर दिया है.'
फांस की वेबसाइट ने किया दावा
कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने जिक्र किया कि फ्रांस की समाचार वेबसाइट, Mediapart.fr ने भी रिलायंस इंफ्रा और डसॉल्ट एविएशन के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी बनाने के लिए किए गए समझौते का विवरण जारी किया है, जिसे डसॉल्ट रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड (DRAL) कहा जाता है. ये फांस के तत्कालीन प्रधानमंत्री के बयान की पुष्टि करता है. ओलांद ने कहा था कि 'रिलायंस को डसॉल्ट के औद्योगिक भागीदार के रूप में नियुक्त करने का निर्णय मोदी सरकार का था और इस मामले में फ्रांस के पास 'कोई विकल्प नहीं था.'
सुरजेवाला ने लगाए आरोप
सुरजेवाला ने कहा, 'पीएनएफ की जांच में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद जो राफेल सौदे पर हस्ताक्षर किए जाने के समय पद पर थे और वर्तमान फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों जो उस समय हॉलैंड की अर्थव्यवस्था और वित्त के कार्यों को संभाल रहे थे, शामिल हैं. साथ ही तत्कालीन रक्षा मंत्री जो अब विदेश मंत्री है जीन-यवेस ले ड्रियन के साथ-साथ आरइन्फ्रा यानी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की भी भूमिका है.'