हैदराबाद : उत्तरप्रदेश की चुनावी राजनीति अपने पीक पर है. सभी राजनीतिक दल अब अपने सियासी सूरमाओं को मैदान में उतारने लगे हैं. पार्टियां प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर रही है. राज्य की सत्ता में बैठी बीजेपी, मुख्य विरोधी दल समाजवादी पार्टी और बीएसपी से पहले कांग्रेस ने 125 कैंडिडेट के नामों का ऐलान कर दिया. बीजेपी और सपा के दावेदार अभी वेटिंग में ही हैं.
125 उम्मीदवारों के नाम फाइनल करने के साथ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने तय कर दिया कि वह विधानसभा चुनाव के जरिये वह लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही हैं. अपने तय एजेंडे के हिसाब से उन्होंने आधे 50 महिलाओं को कांग्रेस का टिकट दिया. उन्नाव रेप पीड़िता की मां आशा सिंह को भी कांग्रेस की उम्मीदवार बनाई गई है. इस तरह प्रियंका ने उन्नाव और हाथरस कांड को चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी पूरी कर ली है.
दूसरी ओर, मानदेय बढ़ाने के लिए आंदोलन की अगुवाई करने वाली आशा कार्यकर्ता पूनम पांडे को भी शाहजहांपुर से मैदान में उतारा गया है. आशा कार्यकर्ताओं ने मानदेय को लेकर काफी दिनों तक संघर्ष किया था. इसके अलावा एक्टिविस्ट शादाब जफर को लखनऊ सेंट्रल से कैंडिडेट बनाया गया है. CAA प्रोटेस्ट के दौरान शादाब काफी मुखर रहीं थीं.
कुल 125 उम्मीदवारों में से 15 उम्मीदवार मुसलमान है यानी पहली लिस्ट के कुल उम्मीदवारों में 12 फीसदी कांग्रेस कैंडिडेट मुसलमान हैं. नजीबाबाद, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, छपरौली और अलीगढ़ समेत वेस्टर्न यूपी के जिन सीटों पर कांग्रेस ने अल्पसंख्यक उतारे हैं, वहां समाजवादी पार्टी, आरएलडी और बीएसपी भी मुसलमान कैंडिडेट उतार सकती है. इस तरह कांग्रेस ने वेस्टर्न यूपी में मुकाबले को चतुष्कोणीय बनाने की कोशिश की है. साथ ही मुसलमानों को भी सीधा संदेश दिया है.