दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

केंद्र की वैक्सीन रणनीति पर कांग्रेस ने मांगा श्वेत पत्र

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच वैक्सीन की कमी देखी जा रही है. इसको लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने टीकाकरण रणनीति पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की.

श्वेत पत्र
श्वेत पत्र

By

Published : May 20, 2021, 11:02 PM IST

नई दिल्ली : देश में कोविड-19 वैक्सीन की कमी के बीच कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को केंद्र सरकार से अपनी टीकाकरण रणनीति पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की.

केंद्र की वैक्सीन रणनीति पर कांग्रेस ने मांगा श्वेत पत्र

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें अपनी छवि निर्माण के बारे में चिंता करने के बजाय युद्ध स्तर पर लोगों को टीका लगाने पर अधिक ध्यान देना चाहिए.

कांग्रेस नेता ने कहा, स्पुतनिक वी की पहली खेप लगभग एक महीने पहले हैदराबाद आ चुकी है लेकिन यह अभी तक बाजार में नहीं आई है. फाइजर के साथ भी ऐसा ही हुआ. वर्तमान स्थिति क्या है? केंद्र सरकार को अपनी वैक्सीन रणनीति पर एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए कि कितने टीके खरीद लिए गए हैं.

उन्होंने कहा, मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करूंगा कि इसे आपातकालीन आधार पर लें. उन्हें सभी मुख्यमंत्रियों से टीकाकरण अभियान पर बात करनी चाहिए और इसे इस तरह से लिया जाना चाहिए जैसे कि यह किसी युद्ध जैसी स्थिति है. केवल तभी एक समाधान खोजा जा सकता है और कोरोना के संक्रमण को रोका जा सकता है.

उन्होंने जोर देकर कहा कि कई विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि वायरस की श्रृंखला को तोड़ने के लिए प्रतिदिन लगभग 90 लाख लोगों को टीका लगाया जाना है, लेकिन वर्तमान टीकाकरण दर बहुत धीमी है और भारत की पूरी आबादी का टीकाकरण करने में वर्षों लग जाएंगे.

पढ़ें :-इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष पर भारत के रुख का कांग्रेस ने किया समर्थन

उन्होंने सरकार से खुले बाजार में टीके उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया, यह दावा करते हुए कि अगर इसे नहीं तोड़ा गया तो तीसरी लहर और खतरनाक होगी.

राजीव शुक्ला ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड -19 के बढ़ते मामलों पर भी अपनी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि गांवों में पहले से ही पर्याप्त स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की कमी है और मामले बढ़ रहे हैं.

ब्लैक फंगस के मामले पर उन्होंने कहा, हमें एक बीमारी से छुटकारा नहीं मिला है और दूसरी बीमारी आ गई है, इसलिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों को मिलकर काम करना चाहिए और अस्पतालों से परामर्श करके इस बीमारी से निपटने की तैयारी शुरू करनी चाहिए. सात ही ऐंटिफंगल दवाएं उपलब्ध कराना चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details