रायपुर/जयपुर :छत्तीसगढ़ में दो शीर्ष नेता सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) के बीच कुर्सी के लिए बीते करीब दो महीन से 36 का आंकड़ा है. छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव चाहते हैं कि रोटेशनल मुख्यमंत्री (rotational chief minister) के फॉर्मूले का सम्मान किया जाए. जबकि भूपेश बघेल अपनी ताकत दिखाने के लिए 50 से अधिक विधायकों को दिल्ली में लामबंद कर चुके हैं. वहीं कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व मुख्यमंत्री द्वारा कांग्रेस नेतृत्व के फैसलों की अवहेलना किये जाने से नाराज है. वहीं सोमवार सुबह चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली.
दूसरी तरफ अब हर किसी की नजर इस बात पर भी है कि क्या राजस्थान को लेकर भी कांग्रेस आलाकमान जल्द ही बड़े फैसले लेने जा रहा है ?
क्योंकि पंजाब में जो हालात बने थे, वह राजस्थान में पंजाब से भी पहले बन चुके थे. राजस्थान में साल 2020 के जुलाई महीने में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रहे सचिन पायलट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के नेतृत्व को चैलेंज करते हुए अपने सहयोगी 19 विधायकों के साथ दिल्ली चले गए थे. जिसे सचिन पायलट की बगावत माना गया और इसके चलते उन्हें अपने और अपने समर्थक विधायकों के तमाम पद गंवाने पड़े.
दिल्ली जाने से पहले एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बोले-रिस्पेक्ट दी प्रिवेसी ऑफ सिटीजन्स
इधर, सूबे के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव एक बार फिर से सोमवार सुबह दिल्ली रवाना हो गए. दिल्ली जाने के क्रम में अपनी गाड़ी से जैसे ही वे रायपुर एयरपोर्ट पर उतरे तो पत्रकारों ने प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता के मुद्दे पर उनसे सवाल पूछ लिया. उन्होंने जवाब में बस "रिस्पेक्ट दी प्रिवेसी ऑफ सिटीजन्स" कहा और तेजी से एयरपोर्ट के अंदर चले गए.
सीएम बदलने की सुगबुगाहट तेज, बढ़ाई गई थी सिंहदेव की सुरक्षा
पंजाब में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदला था और कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएम पद से रिजाइन कर दिया था. इस सियासी उथल-पुथल के बीच स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव की सुरक्षा बढ़ाए जाने के आदेश भी आए थे. यह आदेश छत्तीसगढ़ सरकार से नहीं बल्कि दिल्ली से आये थे. लेकिन इस आदेश की पुष्टि किसी ने नहीं की थी. सीएम बदलने के कयास को इस बात से भी बल मिलता है कि पिछले 2 दिनों से छत्तीसगढ़ में 27 विधायकों के एक साथ एक होटल में रुकने की चर्चा जोरों पर थी.
लेकिन यह पता नहीं चल सका कि वे 27 विधायक कौन थे और किस होटल में एक साथ रुके हुए थे. हालांकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधायकों के होटल में रुकने की जानकारी से साफ इंकार कर दिया था. अब देखना होगा कि पंजाब के बाद क्या छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन होगा. या फिर सीएम बघेल की कुर्सी बनी रहेगी.