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'चिंतन शिविर' तक राहुल की ट्रेन यात्रा, पार्टी रोडमैप करेगी तैयार

कांग्रेस का चिंतन शिविर शुक्रवार से शुरू हो रहा है. राहुल गांधी ट्रेन से उदयपुर पहुंच रहे हैं. कांग्रेस आम जनता के बीच यह संदेश देना चाहती है कि वह आम लोगों के मुद्दों को उठाने वाली पार्टी है. शिविर का मुख्य मकसद 2024 लोकसभा चुनाव के लिए रोडमैप तैयार करना है. पार्टी किस हद तक इसे तय कर पाएगी, यह तो आने वाले समय में ही पता चल पाएगा. एक विश्लेषण वरिष्ठ पत्रकार अमित अग्निहोत्री का.

rahul boarding on train at delhi
राहुल गांधी ट्रेन की ओर जाते हुए

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Published : May 12, 2022, 9:51 PM IST

Updated : May 12, 2022, 10:59 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी का चिंतन शिविर शुक्रवार से राजस्थान के उदयपुर में शुरू हो रहा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल आम आदमी की छवि पेश करने के लिए ट्रेन से उदयपुर की यात्रा कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने नई दिल्ली के सराय रोहिल्ला स्टेशन से ट्रेन पकड़ी. उनके साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी, लोकसभा सदस्य मनिकम टैगोर सहित कई नेता मौजूद हैं.

स्टेशन पर पोर्टस एसोसिएशन ने फूलों का गुलदस्ता प्रस्तुत कर राहुल का स्वागत किया. एसोसिएशन ने ठेके पर काम देने की प्रणाली को समाप्त करने की मांग भी रखी है. राहुल ने उन्हें उनके मुद्दे पर विचार करने का आश्वासन दिया है. सूत्रों ने कहा कि पार्टी ने पूरी एक बॉगी बुक की थी.

चिंतन शिविर से पहले ही राहुल को फिर से अध्यक्ष बनाए जाने की मांग उठ चुकी है. राहुल 2017-19 के बीच पार्टी अध्यक्ष रह चुके हैं. चिंतिन शिविर की बैठक में भी इस मुद्दे की गूंज सुनाई देगी. शिविर में करीब 400 नेता एकत्रित हो रहे हैं. उनका मुख्य मकसद 2024 लोकसभा चुनाव के लिए रोडमैप तैयार करना है.

राहुल गांधी 15 मई को भाषण देंगे. उससे पहले जितनी भी चर्चाएं होंगी, राहुल उसमें हिस्सा ले सकते हैं. उम्मीद की जा रही है कि वह युवाओं और उन्हें सशक्त करने के मुद्दे पर बनी समिति में विशेष रूचि है. इस समिति की अध्यक्षता पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग कर रहे हैं.

भंवर जितेंद्र सिंह ने साझा की तस्वीर

नेतृत्व के मुद्दे पर पार्टी सूत्रों ने बताया कि आंतरिक चुनाव की प्रक्रिया पहले से शुरू है. इन प्रक्रियाओं के संपन्न होने के बाद अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी. पार्टी के वरिष्ठ नेता ने बताया, 'अगस्त में लोगों को जवाब मिल जाएगा. यह शिविर हमारे अगले दो सालों के लिए है.'

राहुल गांधी पहले ही पार्टी नेताओं को कह चुके हैं कि उन्हें आंदोलनात्मक मोड में काम करने की जरूरत है. सरकारी की जन विरोधियों नीतियों पर उन्हें फोकस करना चाहिए. राहुल गांधी लंबे समय से बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, सुस्त अर्थव्यवस्था और सांप्रदायिक हिंसा के मुद्दों को उठाते रहे हैं. इन मुद्दों पर वह केंद्र को लगातार घेरते रहे हैं.

सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी शीर्ष नेताओं की ट्रेन यात्रा का संदेश आम मतदाताओं तक भेजना चाहती है. उन्हें उम्मीद है कि इससे वह जनता को जोड़ पाएगी. पार्टी उम्मीद कर रही है कि अगले लोकसभा चुनाव से पहले नई गति और नई दिशा तय कर लेगी.

आपको बता दें कि कांग्रेस 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव हार चुकी है. इस दौरान कई राज्यों के चुनाव भी हुए, वहां भी पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिली. इन हार की वजह से पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल काफी नीचे चला गया था.

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Last Updated : May 12, 2022, 10:59 PM IST

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