नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पवित्र 'राजदंड' (सेंगोल) को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को उपहार में दी गई 'सोने की छड़ी' कहकर उसे संग्रहालय में रख दिया और हिंदू परंपराओं की अवहेलना की (Cong tucked away sacred Sengol in museum).
नए संसद भवन में स्थापित होने वाला 'राजदंड' अगस्त 1947 में अंग्रेजों से भारत को सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में नेहरू को दिया गया था. इसे इलाहाबाद संग्रहालय की नेहरू गैलरी में रखा गया था.
भाजपा सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब लोकसभा में अध्यक्ष के आसन के करीब यह 'राजदंड' स्थापित करेंगे.
उनकी यह टिप्पणी कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी सहित करीब 20 विपक्षी दलों द्वारा संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की घोषणा के एक दिन बाद आई है. विपक्षी दलों ने मांग की थी कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए ना कि प्रधानमंत्री मोदी को.
विपक्षी दलों ने इसे राष्ट्रपति का अपमान करार दिया और आरोप लगाया कि केंद्र की मौजूदा सरकार के तहत संसद से लोकतंत्र की आत्मा को ही निकाल दिया गया है.
मालवीय ने कहा कि भारत की आजादी की पूर्व संध्या पर नेहरू को 'पवित्र राजदंड' सौंपा जाना अंग्रेजों से भारत में सत्ता के हस्तांतरण का सटीक क्षण था. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'लेकिन इसे (राजदंड को) जो गौरव मिलना चाहिए था वह नहीं दिया गया और इसे आनंद भवन में रख दिया गया. इतना ही नहीं, इसे नेहरू को उपहार में दी गई सोने की छड़ी कहा गया.'
मालवीय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अब 'राजदंड' को लोकसभा में अध्यक्ष के आसन के करीब स्थापित करेंगे. उन्होंने कहा कि इसे राष्ट्र के देखने के लिए प्रदर्शित किया जाएगा और इसे विशेष अवसरों पर निकाला भी जाएगा. भाजपा नेता ने कहा, 'अब यह 'राजदंड' बनाम विपक्ष है.'
चांदी से निर्मित और सोने की परत वाले इस ऐतिहासिक 'राजदंड' को 28 मई को लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास स्थापित किया जाएगा. उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन का लोकार्पण किया जाएगा.
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(पीटीआई-भाषा)