नई दिल्ली:राजद्रोह कानून के उपयोग पर उच्चतम न्यायालय द्वारा रोक के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर उन पर पलटवार करते हुए केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को कांग्रेस को स्वतंत्रता, लोकतंत्र और संस्थानों के सम्मान का विरोधी करार दिया. रिजिजू ने आपातकाल लगाने जैसे कांग्रेस की सरकारों के अनेक फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके तंत्र को दूसरों को उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि क्या कांग्रेस ने अपनी अतीत की कार्रवाईयों पर नजर डाली है.
भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए पर शीर्ष अदालत के निर्देशों के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, सच बोलना देशभक्ति है, देशद्रोह नहीं. सच कहना देश प्रेम है, देशद्रोह नहीं. सच सुनना राजधर्म है, सच कुचलना राजहठ है. डरो मत! पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, सत्ता को आईना दिखाना राष्ट्रधर्म है. यह देश विरोधी नहीं हो सकता. उच्चतम न्यायालय ने आज यही स्पष्ट संदेश दिया है. उन्होंने कहा, सत्ता के सिंहासन पर बैठे निरंकुश शासक, लोगों की आवाज कुचलने वाले निरंकुश राजा, जनविरोधी नीतियों की आलोचना करने पर लोगों को जेल में डालने वाले राजा अब जान लें कि जनता खड़ी हो चुकी है, अब जनता को दबाया नहीं जा सकता है.
रिजिजू ने राहुल का जवाब देते हुए ट्विटर पर लिखा, यदि कोई पार्टी आजादी, लोकतंत्र और संस्थाओं के सम्मान की विरोधी है तो वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस है. यह पार्टी हमेशा भारत को तोड़ने वाली ताकतों के साथ खड़ी रही है और देश को बांटने का कोई मौका नहीं छोड़ती. भाजपा नेता ने अपने ट्वीट में राजद्रोह कानून और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के विषय पर पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी की भी आलोचना की. उन्होंने दावा किया, इंदिरा गांधी की सरकार ने देश के इतिहास में पहली बार धारा 124ए को संज्ञेय अपराध बनाया. क्या कांग्रेस ने अपने खुद के अतीत को देखा है?