नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र समाप्त होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल अब चुनावी दौरे पर निकल पड़े हैं. वह आज छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे चुके हैं. बीते 5 महीनों में छत्तीसगढ़ की यह उनकी तीसरी यात्रा है. राज्य में इस वर्ष के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. पार्टी से मिली जानकारी के अनुसार केजरीवाल रायपुर में आम आदमी पार्टी की गारंटी कार्ड जारी करेंगे.
आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल छत्तीसगढ़ के बाद मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी पार्टी के चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे. रविवार को अरविंद केजरीवाल मध्य प्रदेश के रीवा में चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे तो अगले सप्ताह राजस्थान की राजधानी जयपुर में वे टाउन हॉल कर चुनाव प्रचार करेंगे. साथ ही सूत्रों की मानें तो इस महीने के अंत में होने वाले विपक्षी एकता दल "इंडिया" की बैठक में शामिल होने के लिए अरविंद केजरीवाल मुंबई भी जाएंगे. पार्टी के प्रवक्ता अभी यह स्पष्ट कहने से बच रहे हैं, लेकिन विश्वस्त सूत्रों की मानें तो मुंबई में होने वाली तीसरी बैठक जो कि 31 अगस्त व 1 सितंबर को निर्धारित है, केजरीवाल विपक्षी एकता दल की बैठक में हिस्सा लेंगे. इससे पहले सीएम केजरीवाल का मध्यप्रदेश व राजस्थान में भी चुनावी दौरा निर्धारित है. इन राज्यों में भी छत्तीसगढ़ के साथ ही विधानसभा चुनाव भी होने हैं.
फोकस में पार्टी का प्रचार व संगठन को मजबूत करना
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को टक्कर देने के लिए विपक्षी एकता दल का गठन हुआ था. कर्नाटक में हुई पिछली बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई थी कि जिस राजनीतिक दल का जिस राज्य में अधिक जनाधार है, वह पूरे दमखम से चुनाव लड़ेगी और विपक्षी एकता दल में शामिल अन्य दल उसका सहयोग करेंगे. अभी राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव पर सीट शेयरिंग को लेकर कुछ तय नहीं हुआ है इसलिए आम आदमी पार्टी अपने दमखम पर चुनाव मैदान में प्रचार के लिए उतरी है. मुंबई बैठक में आगे की रणनीति तय होने पर उस रणनीति के तहत चुनाव प्रचार का प्लान बनाया जाएगा.
पार्टियों के वरिष्ठ नेता तय करेंगे सीट शेयरिंग का फार्मूला
आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने विपक्षी एकता दल की होने वाली बैठक को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं कहा लेकिन इतना जरूर कहती है कि कांग्रेस या अन्य राजनीतिक दलों के साथ आम आदमी पार्टी की सीट शेयरिंग किस फार्मूले के तहत होगी यह राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेता ही तय करेंगे. बैठक में शामिल होना या बॉयकॉट करना भी पार्टी के शीर्ष नेता ही तय करेंगे.
बता दें कि 16 अगस्त को दिल्ली कांग्रेस के नेताओं की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व राहुल गांधी के साथ बैठक हुई थी. इस बैठक के बाद कांग्रेस की प्रवक्ता अलका लांबा ने लोकसभा चुनाव दिल्ली में बिना गठबंधन के लड़ने की बात कही थी. कहा कि पार्टी के आलाकमान से ये निर्देश मिला है, जिस पर आम आदमी पार्टी भड़क गई. आप की प्रवक्ता ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि जब दिल्ली में अलायन्स नहीं तो इंडिया अलायंस का कोई मतलब नहीं.