नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के अधिकारों पर केंद्र के अध्यादेशआने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विपक्ष से समर्थन मांगा है. रविवार को बिहार के CM नीतीश कुमार और डिप्टी CM तेजस्वी यादव ने केजरीवाल से उनके घर पर मुलाकात की और अध्यादेश के खिलाफ AAP की सरकार का समर्थन किया. इसके बाद CM केजरीवाल ने बताया कि इस मामले पर 23 मई को कोलकाता में ममता बनर्जी, 24 मई को मुंबई में उद्धव ठाकरे और 25 मई को मुंबई में शरद पवार से मिलेंगे.
दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद सामने आए CM केजरीवाल ने मीडिया से कहा कि दिल्ली में केंद्र सरकार की तानाशाही समेत कई राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई. विपक्ष को एकजुट होकर हमें केंद्र की भाजपा सरकार के इस तानाशाही अध्यादेश को संसद में हराना होगा. अगर राज्यसभा में यह बिल हार गया तो वो 2024 का सेमी फाइनल होगा और पूरे देश में संदेश चला जाएगा कि 2024 में भाजपा की सरकार जा रही है.
नीतीश बोले- BJP के खिलाफ देशभर में चले अभियानः वहीं, CM नीतीश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद दिल्ली की चुनी हुई सरकार को काम करने से रोकने पर आश्चर्य जताया और पूरे देश में केंद्र सरकार के खिलाफ अभियान चलाने की बात कही. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही रहा. इसके बावजूद केंद्र सरकार जो करने की कोशिश कर रही है वह विचित्र है. सबको एकजुट होना होगा. हम इनके (केजरीवाल) साथ हैं, ज्यादा से ज्यादा विपक्षी पार्टियों को एक साथ मिलकर अभियान चलाना होगा.
19 मई की रात केंद्र ने लाया अध्यादेशःदिल्ली सरकार के अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार 19 मई की रात अध्यादेश लेकर आई. इसके जरिए अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़ा आखिरी फैसला लेने का हक उपराज्यपाल को वापस दे दिया गया. इसका मोटामोटी विश्लेषण यह कहता है कि दिल्ली का बॉस LG ही हैं.