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Published : Jul 27, 2022, 9:14 PM IST

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ओडिशा: आदिवासी क्षेत्रों में हैजा का प्रकोप, 12 लोगों की मौत

ओडिशा के रायगडा और उसके आसपास के आदिवासी जिलों में हैजा के प्रकोप से कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई है. वहीं, रायगडा के काशीपुर प्रखंड में हैजा से संक्रमितों की कुल संख्या 313 पहुंच गई है. लगभग 20 गांव जलजनित बीमारी की चपेट में हैं.

Cholera claims 12 lives in Rayagada
ओडिशा में हैजा का प्रकोप

भुवनेश्वर:ओडिशा के आदिवासी जिले रायगडा और उसके आसपास के जिलों में हैजा का प्रकोप बढ़ गया है. रायगडा के काशीपुर प्रखंड में पिछले कुछ दिनों में हैजा से कम से कम 12 लोगों की जान गई है. मरने वालों में दो महिलाएं भी शामिल हैं. यह बीमारी काशीपुर प्रखंड के कम से कम 20 गांवों में फैल चुकी है.

जानकारी के अनुसार टिकिरी पंचायत के जमुगुड़ा गांव में बुधवार सुबह 56 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई, जो पिछले दो दिनों से दस्त और उल्टी से पीड़ित थी. महिला अस्पताल में भर्ती नहीं थी और घर पर उसका इलाज चल रहा था. एक अन्य मामले में पंधाबंधा गांव की 27 वर्षीय महिला की मौत हो गई.

रायगडा की जिला कलेक्टर स्वधा देव सिंह ने कहा, 'एक मेडिकल टीम गांव में थी और बीती रात नौ बजे तक मरीज की देखभाल कर रही थी. बुधवार सुबह उसकी हालत बिगड़ने पर उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया.' कलेक्टर ने आगे कहा कि प्रखंड में स्थिति में सुधार हो रहा है.

उन्होंने कहा कि बीमारी के दैनिक मामले कम हुए हैं. इससे पहले रोजाना 70-80 मामले सामने आते थे. अब संक्रमितों की संख्या 60 हो गई है. इसी तरह विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे गंभीर मरीजों की संख्या में भी कमी आई है. हालांकि, कलेक्टर ने कहा कि हैजा का वर्तमान संकट अत्यधिक संवेदनशील है और रोगी को तत्काल उपचार की आवश्यकता है. उन्होंने ग्रामीणों को संक्रमित होने से बचने के लिए हर संभव सावधानी बरतने की सलाह दी.

वहीं, मंगलवार शाम तक प्रखंड में हैजा से संक्रमितों की कुल संख्या 313 पहुंच गई है. जिले के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार लगभग 20 गांव जलजनित बीमारी की चपेट में हैं, 297 गांव निगरानी में हैं और 264 गांवों को पहले ही सेनेटाइज किया जा चुका है. स्वास्थ्य विभाग की लाख कोशिशों के बाद भी स्थिति नियंत्रण से बाहर है। प्रखंड के टिकिरी, शंकरदा और दुदुकाबहल पंचायत के कई गांवों में स्थिति गंभीर है.

स्वास्थ्य विभाग की लाख कोशिशों के बाद भी स्थिति नियंत्रण से बाहर है. प्रखंड के टिकिरी, शंकरदा और दुदुकाबहल पंचायत के कई गांवों में स्थिति गंभीर है. स्वास्थ्य विभाग ने सात स्थानों पर शिविर भी लगाए हैं और आठ मोबाइल स्वास्थ्य देखभाल दल तैनात किए हैं, जो प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. इसी तरह जिले के अन्य हिस्सों से भी पैरा मेडिकल स्टाफ को प्रभावित गांवों में तैनात किया गया है. इसके बाद बावजूद नुआपाड़ा जिले में भी यह बीमारी फैल गई है, यहां एक व्यक्ति की मौत हो गई और 10 अन्य की हालत गंभीर बताई गई है.

विपक्ष ने विधानसभा में उठाया मुद्दा
वहीं, विपक्षी दलों भाजपा और कांग्रेस ने मंगलवार को ओडिशा विधानसभा में रायगढ़ और उसके आसपास के जिलों में हैजा एवं अतिसार के प्रसार का मुद्दा उठाया. विपक्ष के मुख्य सचेतक (भाजपा) मोहन मांझी ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए दावा किया कि रायगढ़ के काशीपुर प्रखंड में हैजा से कम से कम 14 लोगों की जान गई है, जबकि सरकारी आंकड़े में उनकी संख्या नौ बताई गई है. उन्होंने बाकी पांच लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट की मांग की, जिनकी मौत इन संक्रामक रोगों के चलते हुई. मांझी ने कहा कि रायगढ़ जिले के काशीपुर प्रखंड में लोगों द्वारा दूषित पानी पीने एवं विषाक्त भोजन करने के फलस्वरूप यह जलजनित बीमारी फैल रही है.

कांग्रेस के सचेतक ताराप्रसाद बहिनीपटी ने भी दावा किया कि उनके कोरापुट जिले में अतिसार फैल गया है तथा दशमांतपुर में कुछ लोगों की इस जलजनित बीमारी के कारण मौत हो गई है. उन्होंने अतिसार एवं हैजा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए सदन की एक समिति बनाने की मांग की. इस बीच, राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री एन के दास ने विधानसभा के बाहर दावा किया कि चिकित्सा दल के हैजा और अतिसार प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचने के बाद स्थिति नियंत्रण में है.

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