नई दिल्ली :लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता चिराग पासवान ने अपने पिता और पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान की जयंती पर पांच जुलाई से बिहार के हाजीपुर से आशीर्वाद यात्रा शुरू करने की रविवार को घोषणा की.
चिराग के नेतृत्व वाले खेमा ने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी समूह से जारी लड़ाई के बीच सड़क पर उतरने का फैसला किया है. अपने परिवार के प्रतिद्वंद्वियों पर पीठ में 'छुरा' घोंपने का आरोप लगाते हुए चिराग ने लोजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इसकी घोषणा की. इस बैठक में चिराग के नेतृत्व पर मुहर लगायी गयी और पार्टी के संविधान के खिलाफ काम करने के लिए पारस के खेमा पर निशाना साधा गया.
पलटवार करते हुए पारस ने बैठक को 'भाड़े पर जुटायी गयी भीड़' बताया और दावा किया कि इसकी कोई वैधता नहीं है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि निर्वाचन आयोग इसका फैसला करेगा कि लोजपा में उनके नेतृत्व वाला या चिराग के नेतृत्व वाला समूह असली लोजपा है. चिराग के नेतृत्व में हुई बैठक में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से रामविलास पासवान के लिए सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न का अनुरोध किया गया. चिराग ने कहा है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 90 प्रतिशत से ज्यादा सदस्य बैठक में मौजूद थे. बिहार के लोकप्रिय दलित नेता रामविलास पासवान का पिछले साल निधन हो गया था.
हाजीपुर से यात्रा शुरू करने का फैसला महत्वपूर्ण है क्योंकि रामविलास पासवान कई बार यहां से लोकसभा के लिए चुने गए और अब सदन में इस सीट का प्रतिनिधित्व पारस कर रहे हैं. चिराग पासवान ने कहा कि हाजीपुर उनके पिता की कर्मभूमि थी. यह यात्रा बिहार के प्रत्येक जिले से होकर गुजरेगी और इसके बाद पार्टी की राष्ट्रीय परिषद आयोजित होगी तथा पटना में एक जनसभा की जाएगी. यात्रा करीब दो महीने में संपन्न होगी.