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बड़ा खुलासा : चीनी सिंडिकेट का भंडाफोड़, क्रिप्टोकरेंसी के जरिए चीन जा रहा भारत का पैसा - online fraud busted

साइबर ठगों पर उत्तराखंड एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई के बाद दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने चीनी नागरिकों द्वारा चलाए जा रहे एक सिंडिकेट का खुलासा किया है. ठग पावरबैंक, सन फैक्ट्री और ईज़प्लान जैसे नकली निवेश एप के माध्यम लोगों को धोखाधड़ी की जा रही थी. वहीं 25 ऐसे एप के बारे में भी जानकारी मिली है कि वे भारत का पैसा क्रिप्टोकरेंसी के जरिए चीन और अन्य राष्ट्रों में भेज रही हैं.

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Published : Jun 9, 2021, 5:32 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने चीनी नागरिकों के एक समूह द्वारा चलाए जा रहे एक सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है. डीसीपी (साइबर सेल) अन्येश रॉय ने बताया कि ये लोग डेटा चुरा रहे थे. इन लोगों ने पावरबैंक, सन फैक्ट्री और ईज़प्लान जैसे नकली निवेश एप के माध्यम से पांच लाख से अधिक भारतीयों को ठगा है. इन लोगों ने 150 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है.

बड़े पैमाने पर देश के लोगों का डेटा चोरी

दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने ठगी के एक नए नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है. दरअसल, इस समय देश में ऑनलाइन फ्रॉड काफी तेजी से बढ़ा है. इसीलिए साइबर सेल भी काफी एक्टिव हो गया है. पुलिस को जानकारी मिली कि कुछ और चीनी एप्स हैं जो काफी एक्टिव हो हैं और जिनसे ठगी के साथ-साथ बड़े पैमाने पर देश के लोगों का डेटा भी चोरी किया जा रहा है.

मई के दूसरे हफ्ते में पुलिस को पता चला कि पावर बैंक, सन फैक्ट्री और इजी प्लान नाम की Apps हैं जो बड़ी तेजी से डाउनलोड हो रही हैं और लोगों का डेटा चोरी करके विदेश भेज रही हैं. इसके बाद तुरंत इन एप्स का फॉरेंसिक लैब में एनालिसिस किया गया, जिसमें सामने आया कि ये एप्स चीन से ऑपरेट हो रही हैं और इनसे लोगों को पैसे इन्वेस्ट कर पैसे कमाने का लालच दिया जा रहा था.

एसटीएफ उत्तराखंड ने की बड़ी कार्रवाई

साइबर ठगी के इतिहास में एसटीएफ उत्तराखंड ने एक बड़ी कार्रवाई की है. इसका खुलासा करते हुए उत्तराखंड पुलिस के प्रवक्ता एडीजी अभिनव कुमार ने बताया कि रोहित कुमार निवासी श्यामपुर और राहुल कुमार गोयल निवासी कनखल हरिद्वार ने साइबर थाने को एक शिकायत की थी. शिकायत के अनुसार दोनों ने गूगल प्ले स्टोर से पावर बैंक नाम से एक एप्लीकेशन डाउनलोड की थी. निवेश संबंधी इस एप्लीकेशन में 15 दिनों में पैसा दोगुना करने का दावा किया गया था. इस लालच में आकर दोनों ने क्रमश: 91 हजार और 73 हजार रुपये गंवा दिए.

भारत में तेजी से बढ़ रहा साइबर ठगों का जाल.

ऑनलाइन धोखाधड़ी का पर्दाफाश

एसटीएफ की टीम ने विदेशी व्यापारियों द्वारा भारत के बैंक खातों के माध्यम से की जा रही ऑनलाइन धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया. आरोप है कि ये साइबर ठग आम जनता को गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) पर मौजूद पावर बैंक नामक एप में निवेश कर पैसे दोगुना करने का लालच देते थे. वहीं, मामले में एसटीएफ ने ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सदस्य पवन कुमार पांडेय को नोएडा से गिरफ्तार किया है. गौरतलब है कि इस एप को संभावित 50 लाख लोगों द्वारा पूरे भारतर्ष में डाउनलोड किया गया है.

RAZORPAY और PAYU से पैसों का ट्रांसफर

जानकारी के अनुसार धनराशि विभिन्न वॉलेट के माध्यम से अलग-अलग बैंक खातों में भेजी जा रही थी. RAZORPAY और PAYU के माध्यम से पैसा ICICI बैंक के खाते और पेटीएम बैंक में ट्रांसफर कराये गये. साथ ही यह भी पता चला कि प्रतिदिन करोड़ो का लेन देन बैंक खातों में किया जाता है. साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन द्वारा इन खातों का तकनीकी जांच करने पर पता चला कि पेटीएम बैंक का खाता प्रमुख संदिग्ध खाता है. जिसका संचालन पवन कुमार पाण्डेय निवासी नोएडा उप्र के द्वारा किया जा रहा है.

25 संदिग्ध एप की सूची

इसी प्रकार 25 एप जो संदिग्ध कार्य में लगी हैं, उनकी सूची प्राप्त हुई है. यह भी पाया गया कि इस धनराशि को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर यह चीन और अन्य राष्ट्रों में भेजी जा रही हैं. जहां इसको स्थानीय मुद्रा में बदल दिया जाता है. इस प्रकार भारत के पैसे को अन्य राष्ट्र की मुद्रा में परिवर्तित करने का एक बहुत बड़ा संगठित अंतरराष्ट्रीय गिरोह चल रहा है. इस तरह के मामले में 20 अन्य शिकायतें भी प्राप्त हुई हैं, जिनकी जांच की जा रही है.

पढ़ेंःउत्तराखंड : एसटीएफ ने किया 250 करोड़ की साइबर ठगी का पर्दाफाश

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