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चीन ने वफादारी पैदा करने के लिए गलवान झड़प का वीडियो प्रदर्शित किया

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Published : Jun 11, 2021, 9:27 PM IST

Updated : Jun 12, 2021, 7:59 AM IST

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party of China) उद्देश्यों के प्रति देशभक्ति और वफादारी पैदा करने के लिए चल रहे अभियान को लेकर चीन ने पूर्वी लद्दाख में लगभग एक साल पहले भारतीय सैनिकों के साथ हुई गलवान झड़प (Galwan valley violent ) के दौरान पीएलए कर्मियों द्वारा निभाई गई बलिदानों और भूमिकाओं पर प्रकाश डाला है. पढ़िए वरिष्ठ पत्रकार संजीब कुमार बरुआ (Sanjib Kumar Barua) की रिपोर्ट.

चीन ने वफादारी पैदा करने के लिए गलवान झड़प का वीडियो प्रदर्शित किया
चीन ने वफादारी पैदा करने के लिए गलवान झड़प का वीडियो प्रदर्शित किया

नई दिल्ली : गलवान घाटी हिंसक (Galwan valley violent ) घटना की बरसी (anniversary) से चार दिन पहले और एक जुलाई को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party of China) की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ और एक अगस्त को चीन के सेना दिवस (China's Army Day) से कुछ दिन पहले, चीनी राज्य के स्वामित्व वाले टीवी मीडिया ने एक युद्ध के दृश्य दिखाए, जिसमें 15 जून, 2020 को भारतीय सैनिकों के साथ लड़ने वाले रेजिमेंटल कमांडर को घायल कर दिया गया था.

इससे पहले 19 फरवरी को भी चीनी राज्य के स्वामित्व वाले मीडिया ने एक प्रोपागेंडा वॉर (propaganda war) का वीडियो जारी किया था, जिसमें पीएलए के शिनजियांग सैन्य कमान के रेजिमेंटल कमांडर (regimental commander) क्यूई फाबाओ (Qi Fabao) को भारत के सैनिकों द्वारा हमलावरों के रूप में दिखाया गया था.

पीएलए के चार कर्मी, चेन होंगजुन (Chen Hongjun), चेन जियानग्रोंग (Chen Xiangrong), जिओ सियुआन (Xiao Siyuan ) और वांग झुओरान(Wang Zhuoran) की विवाद के दौरान मौत हो गई थी, जबकि चीन द्वारा नुकीले क्लबों, पत्थरों और लोहे की छड़ों से किए गए इस हमले में भारत ने अपने 20 सैनिकों को खो दिया था, जिनमें कमांडिंग ऑफिसर कर्नल (commanding officer Colonel) बी संतोष बाबू (B Santosh Babu) भी शामिल थे.

दृश्य शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय सैन्य बैठक (high-level military honorary meeting) में दिखाए गए थे, जहां क्यूई को यह कहते हुए दिखाया गया था कि हम एक इंच क्षेत्र देने के बजाय अपने जीवन का बलिदान दे सकते हैं ... अगर सेना एक तेज तलवार (sharp sword) है, तो साहस और सिपाही एक तलवार की धार (blade of the sword) हैं.

बैठक का आयोजन चीन के शीर्ष सैन्य निर्णय लेने वाले निकाय केंद्रीय सैन्य आयोग (Central Military Commission ) के राजनीतिक कार्य विभाग द्वारा किया गया था.

CMC के माध्यम से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) पीएलए की नागरिक निगरानी करती है.

गौरतलब है कि ठीक एक दिन पहले ही चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (National People's Congress ) ने एक विशेष कानून पारित किया था, जिसमें चीन में सैन्य कर्मियों की गरिमा और अधिकारों की रक्षा (the dignity and rights of military personnel ) करने की मांग की गई थी.

चीनी राज्य के स्वामित्व वाली एजेंसियों ने रिपोर्ट किया था कि नए कानून ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी संगठन या व्यक्ति किसी भी तरह से सैनिकों की गरिमा को बदनाम या कम नहीं कर सकता है, सैनिकों के सम्मान का अपमान या बदनामी नहीं कर सकता है और किसी को भी सैनिकों को दिए गए सम्मान को नुकसान या अपवित्र नहीं करना चाहिए.

इसने यह भी कहा कि एक सैनिक द्वारा प्राप्त सम्मान का जीवन सराहा जाएगा और वैधानिक कारणों या वैधानिक प्रक्रियाओं के अलावा इसे रद्द नहीं किया जाएगा.

31 मई को 25 लाख से अधिक अनुयायियों के साथ एक लोकप्रिय चीनी ब्लॉगर किउ ज़िमिंग (Chinese blogger Qiu Ziming) को गलवान घाटी संघर्ष में पीएलए टोल (PLA toll) पर सवाल उठाने के बाद आठ महीने के लिए जेल की सजा सुनाई गई थी.

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ब्लोगर ने आरोप लगाते हुए कहा कि गलवान घाटी में हुए पीएलए ने अपने नुकसान को कम बताया था, किउ ने लिखा था कि कमांडिंग ऑफिसर बच गया क्योंकि वह एक उच्च पदस्थ अधिकारी था.

चीन पीएलए के आधुनिकीकरण, सुधार और पुनर्गठन के लिए एक बड़ा प्रयास कर रहा है और इस मायनों में पीएलए को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुख्य अंगों में से एक के रूप में देखा जाता है.

पिछले शुक्रवार (4 जून, 2021) को जारी यूएस कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (Congressional Research Service ) की एक रिपोर्ट के अनुसार राजनीतिक शिक्षा और निगरानी-जिसमें पीएलए नेतृत्व पदानुक्रम के हर स्तर पर पीएलए के संगठन और गतिविधियां राजनीतिक अधिकारियों और अन्य पार्टी संस्थाओं की उपस्थिति में शामिल हैं.

Last Updated : Jun 12, 2021, 7:59 AM IST

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