दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

चीन को अगला दलाई लामा चुनने का कोई अधिकार नहीं है : तवांग बौद्धमठ के प्रमुख - पोताला महल

अरुणाचल प्रदेश के तवांग बौद्धमठ के प्रमुख ने कहा है कि चीन को अगले दलाई लामा को चुनने में शामिल होने का कोई अधिकार नहीं है, खासकर इसलिए कि वह धर्म में विश्वास ही नहीं करता तथा उत्तराधिकारी का चयन करना तिब्बती लोगों का पूर्ण रूप से आध्यात्मिक मामला है.

China
China

By

Published : Oct 24, 2021, 7:52 PM IST

तवांग (अरुणाचल प्रदेश) :चीन की सीमा से सटे करीब 350 साल पुराने बौद्धमठ के प्रमुख ग्यांगबुंग रिनपोचे ने कहा कि चीन की विस्तारवादी नीति का विरोध करना जरूरी है तथा भारत को इस पड़ोसी देश से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए.

दुनिया में तिब्बत के ल्हासा के पोताला महल के बाद दूसरे सबसे बड़े बौद्धमठ के प्रमुख ने कहा कि केवल वर्तमान दलाई लामा एवं तिब्बती लोगों को ही तिब्बती आध्यात्मिक नेता के उत्तराधिकारी के बारे में फैसला करने का अधिकार है तथा चीन की इसमें कोई भूमिका नहीं है.

उन्होंने कहा कि चीन की सरकार धर्म में विश्वास ही नहीं करती है. जो सरकार किसी धर्म में विश्वास नहीं करती है, वह कैसे अगला दलाई लामा तय कर सकती है. उत्तराधिकार योजना धर्म और आस्था का मामला है, यह थोड़े ही कोई राजनीतिक मामला है.

उन्होंने कहा कि चीन को अगले दलाई लामा को चुनने की प्रक्रिया में शामिल होने का कोई हक नहीं है. केवल वर्तमान दलाईलामा और उनके अनुयायियों को ही इस मुद्दे पर फैसला करने का अधिकार है. तवांग बौद्धमठ के प्रमुख का बयान पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत एवं चीन के बीच गतिरोध के बीच आया है. यह बौद्धमठ जिस क्षेत्र में है उस पर चीन अपना दावा करता है. हालांकि, भारत का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश उसका अभिन्न एवं अविभाज्य अंग है.

रिनपोचे ने कहा कि तिब्बती लोग इस मुद्दे पर चीन के किसी भी फैसले को कभी स्वीकार नहीं करेंगे और इसमें शामिल होने की उसकी कोशिश तिब्बती धरोहर पर कब्जा करने तथा तिब्बती लोगों पर नियंत्रण रखने की कोशिश का हिस्सा है.

यह भी पढ़ें-युवाओं के विकास से आतंकी मंसूबे होंगे पस्त, अब यहां नहीं चलेगी तीन परिवारों की 'दादागिरी' : शाह

उन्होंने कहा कि तिब्बत के लोगों का दिल जीतना चीन के लिए मुश्किल है. चीन सख्ती से तिब्बत को नियंत्रित कर रहा है. प्रशासन बाहर के लोगों को तिब्बतियों से मिलने भी नहीं दे रहा है. वहां कई पाबंदियां है. ऐसे में जरूरी है कि भारत जैसे देश तिब्बितयों का साथ दें.

(पीटीआई-भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details