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विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, चीन ने भारत के साथ सीमा समझौतों की अवहेलना की, द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ रहा असर

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Published : Aug 21, 2022, 8:07 PM IST

Updated : Aug 21, 2022, 9:08 PM IST

भारत के विदेश मंत्री लैटिन देशों की यात्रा पर हैं. अभी वह ब्राजील में हैं. इसके बाद वह प्राग और अर्जेटीना जाएंगे. ब्राजील में भारतीय समुदाय के लोगों के बीच बात करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के साथ संबंधों पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने साफ तौर पर स्वीकार किया कि चीन के साथ इस समय द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ रहा है.

External Affairs Minister S Jaishankar
विदेश मंत्री जयशंकर

साओ पाउलो (ब्राजील) : विदेश मंत्री एस. जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने कहा है कि चीन ने भारत के साथ सीमा समझौतों की अवहेलना की है, जिससे द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि स्थायी संबंध एकतरफा नहीं हो सकते है और इसमें परस्पर सम्मान होना चाहिए. क्षेत्र के साथ समग्र द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दक्षिण अमेरिका की अपनी छह दिवसीय यात्रा के पहले चरण में यहां पहुंचे जयशंकर ने शनिवार को यहां भारतीय समुदाय के साथ बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की.

भारत-चीन संबंधों पर एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के बीच 1990 के दशक से समझौते हैं. उन्होंने कहा, 'उन्होंने (चीनी) इसकी अवहेलना की है. कुछ साल पहले गलवान घाटी में क्या हुआ था, आप जानते हैं. उस समस्या का समाधान नहीं हुआ है और यह स्पष्ट रूप से प्रभाव डाल रहा है.' गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच लंबे समय से गतिरोध बना हुआ है. पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद पांच मई, 2020 को हुए गतिरोध का समाधान करने के लिए दोनों पक्षों ने अब तक कोर कमांडर स्तर की 16 दौर की वार्ता की है.

वर्ष 2009 से 2013 तक चीन में भारत के राजदूत रहे जयशंकर ने कहा कि संबंध एकतरफा नहीं हो सकते और इसे बनाए रखने के लिए परस्पर सम्मान होना चाहिए. जयशंकर ने कहा, 'वे हमारे पड़ोसी हैं और हर कोई अपने पड़ोसी के साथ मैत्री के साथ रहना चाहता है ... मुझे आपका और आपको मेरा सम्मान करना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'हमारा दृष्टिकोण बहुत स्पष्ट हैं कि यदि आपको बेहतर संबंध बनाने है, तो एक-दूसरे के प्रति सम्मान होना चाहिए. प्रत्येक के अपने हित होंगे और हमें एक-दूसरे की चिंताओं के बारे में संवेदनशील होने की जरूरत है.'

जयशंकर ने कहा, 'स्थायी संबंध एक तरफा नहीं हो सकते। हमें आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता की आवश्यकता है.' पिछले सप्ताह बैंकॉक में जयशंकर ने कहा था कि चीन ने सीमा पर जो किया है, उसके बाद भारत और उसके संबंध अत्यंत मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि अगर दोनों पड़ोसी देश हाथ नहीं मिलाते हैं तो एशियाई शताब्दी नहीं आएगी. जयशंकर ने बैंकॉक में प्रतिष्ठित चुलालांगकोर्न विश्वविद्यालय में 'हिंद-प्रशांत का भारतीय दृष्टिकोण' विषय पर व्याख्यान देने के बाद कुछ प्रश्नों का उत्तर देते हुए यह बात कही थी.

ब्राजील के अलावा, जयशंकर पराग्वे और अर्जेंटीना का दौरा करेंगे, और यह विदेश मंत्री के रूप में दक्षिण अमेरिकी क्षेत्र की उनकी पहली यात्रा है. विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य महामारी के बाद के युग में सहयोग के नए क्षेत्रों को तलाशना है.

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(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Aug 21, 2022, 9:08 PM IST

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