दंतेवाड़ा: आज झीरम नक्सली हमले की 10वीं बरसी है. इस हमले में नक्सलियों ने कांग्रेस की एक पीढ़ी ही खत्म कर दी थी. हमले में बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा, नंदकुमार पटेल, विद्याशरण शुक्ल, दिनेश पटेल सहित 32 लोगों की मौत हुई थी. 10 साल बाद भी शहीदों के परिवार को न्याय नहीं मिल पाया है. आज अपने पिता सहित सभी शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे छविंद्र कर्मा ने कहा कि सभी का नार्को टेस्ट होना चाहिए.
बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा के बेटे छविंद्र कर्मा ने झीरम कांड की बरसी के मौके पर ईटीवी भारत से बातचीत की. छविंद्र कर्मा ने भाजपा और कांग्रेस सरकार पर बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि " झीरम हमले को 10 साल पूरे हो गए लेकिन सरकार अब तक पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं दिला पाई है. हमने इस मामले को लेकर कई बार परिवार के साथ मुख्यमंत्री से चर्चा भी की.लेकिन कुछ नहीं हुआ."
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सभी का हो नार्को टेस्ट:छविंद्र कर्मा ने कहा, "हमले के वक्त जितने भी पुलिस ऑफिसर आईजी, डीआईजी, राजनीतिक पार्टी के मुख्यमंत्री सहित सभी नेताओं का नार्को टेस्ट होना चाहिए. क्योंकि उस वक्त भाजपा सरकार राज्य और केंद्र दोनों जगह थी. न्याय में देरी होना सरकार के लिए एक बड़ा सवाल है."
शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि: दंतेवाड़ा में महेंद्र कर्मा की प्रतिमा स्थापित है. दसवीं बरसी मनाने प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, पूरा कर्मा परिवार सुबह महेंद्र कर्मा की प्रतिमा के सामने उपस्थित हुआ. सभी ने पुष्पमाला अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर कई कांग्रेस के नेता शामिल रहे.
शहीद नेताओं को दी श्रद्धांजलि झीरम कांड: साल 2013 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने परिवर्तन यात्रा निकाली. 25 मई को कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा सुकमा से बस्तर लौट रही थी. इसी बीच दरभा के झीरम घाटी में हजारों की संख्या में करीब एक से डेढ़ किलोमीटर तक नक्सलियों ने एंबुश लगा रखा था. नक्सलियों ने काफिले के सामने चलने वाली लाल कलर की बोलेरो वाहन को निशाना बनाया और ब्लास्ट किया. इसके बाद झीरम घाटी में आकर कांग्रेस नेताओं का काफिला रुक गया. जिसके बाद नक्सलियों ने अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू की. इस दौरान बस्तर टाइगर कहलाने वाले महेंद्र कर्मा ने सरेंडर किया.नक्सली उन्हें नेशनल हाईवे 30 से कुछ दूरी तक ले गए और गोली मारकर उनकी हत्या कर दी. इसके साथ ही नंद कुमार पटेल और दिनेश पटेल समेत कई नेताओं को गाड़ियों से निकालकर उनकी हत्या कर दी गई. इस हत्याकांड में घायल विद्याचरण शुक्ल ने इलाज के दौरान दम तोड़ा.