फतेहपुर: चंद्रयान-3 में योगदान देने वाले फतेहपुर के खागा निवासी सुमित कुमार कल्पना चावला को अपना आदर्श मानते हैं. इसलिए खागा नगर के लोगों के लिए यह क्षण बेहद खास होगा. यह क्षण जहां भारत के लिए ऐतिहासिक होने वाला है. वहीं, खागा के वैज्ञानिक का योगदान देखने के लिए परिजनों के साथ ही पड़ोसी भी काफी उत्साहित हैं.
श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से शुक्रवार को चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग पूरी दुनिया देखेगी. लेकिन, फतेहपुर के खागा नगर के लोगों के लिए यह क्षण बेहद खास होगा. इस ऐतिहासिक क्षण में खागा के 'लाल' का भी योगदान है. अंतरिक्ष विज्ञानी सुमित कुमार फतेहपुर निवासी एक किसान के बेटे हैं. सुमित के 4 भाई और एक बहन है. उनकी मां एक गृहणी हैं. चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर में लगे अत्याधुनिक कैमरों को फतेहपुर के अंतरिक्ष विज्ञानी सुमित कुमार और उनकी टीम ने डिजाइन किया है.
सुमित वर्ष 2008 से इसरो के अहमदाबाद स्थित केंद्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वह चंद्रयान-2 में भी अपना योगदान दे चुके हैं. वह और उनकी टीम ने चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर में लगे पांच कैमरों को अत्याधुनिक तरीके से डिजाइन किया है. पेलोड में लगे कैमरों ने लैंडर और रोवर को चांद पर ठहरने का स्थान और दिशा दिखाने में मदद की है. आगे भी रोवर चंद्रमा की मिट्टी का आकलन करेगा और आंकड़े लैंडर को भेजेगा. रोवर में लगे कैमरे के आधार पर रोवर चंद्रमा की सतह पर अपना रास्ता तय करेगा. इसके बाद चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर में लगे कैमरे यान की लैंडिंग के दौरान चंद्रमा की सतह की तस्वीरें लेंगे. इसके आधार पर लैंडर के लैंड करने के लिए उपयुक्त स्थान का चयन किया जाएगा. इसके बाद चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर उतरेगा.