दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

उत्तराखंड: जोशीमठ में NTPC सहित इन प्रोजेक्ट पर लगी रोक, CM धामी ने बुलाई हाईलेवल मीटिंग

जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है. जिला प्रशासन ने हेलंग बाईपास और एनटीपीसी तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है. यह रोक अग्रिम आदेशों तक जारी रहेगी. वहीं, जोशीमठ में भू-धंसाव को देखते हुए गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा सहित विशेषज्ञों की टीम ने प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया.

Land subsidence in Joshimath
NTPC समेत इन बड़े प्रोजेक्ट पर लगी रोक

By

Published : Jan 5, 2023, 6:27 PM IST

Updated : Jan 5, 2023, 7:39 PM IST

जोशीमठ में NTPC सहित इन प्रोजेक्ट पर लगी रोक.

चमोली:ऐतिहासिक नगर जोशीमठ में जमीन धंसने का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है. जिसे देखते हुए चमोली जिला प्रशासन ने बड़े परियोजनाओं पर रोक लगाई दी है. जिसमें हेलंग बाईपास और एनटीपीसी तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना शामिल है. वहीं, जोशीमठ में भू-धंसाव को देखते हुए गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा सहित विशेषज्ञों की टीम ने प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया. इसके साथ ही सीएम पुष्कर सिंह धामी देहरादून में चमोली जिले के जोशीमठ में मकानों में आई दरारों को लेकर उच्च स्तरीय बैठक करेंगे. बैठक में आपदा, सिंचाई एवं गृह विभाग के अधिकारियों के अलावा आयुक्त गढ़वाल मंडल एवं डीएम चमोली भी शामिल होंगे.

दरअसल, जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या के मद्देनजर जिला प्रशासन ने बीआरओ के अंतर्गत निर्मित हेलंग बाईपास निर्माण कार्य और एनटीपीसी तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के निर्माण कार्यों पर अग्रिम आदेशों तक तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. इसके अलावा प्रभावित परिवारों को शिफ्ट करने के लिए जिला प्रशासन ने एनटीपीसी और एचसीसी कंपनियों को अग्रिम रूप से 2-2 हजार प्री-फेब्रिकेटेड भवन तैयार कराने के आदेश भी जारी किए हैं.

वहीं, जोशीमठ में लगातार दरार चौड़ी होती जा रही है. जिससे लोग काफी खौफजदा हैं. बीते साल नवंबर में जमीन धंसने से घरों में दरारें आने की घटनाएं सामने आई थीं. अब यहां धरती फाड़कर जगह-जगह से पानी निकलने लगा है. ऐसी घटनाएं मारवाड़ी क्षेत्र में देखने को मिली है. यहां जमीन धंसने से जेपी कंपनी के मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं, जिसके बाद पूरी कॉलोनी खाली करा ली गई है.
ये भी पढ़ेंःजोशीमठ में घरों के नीचे फूटे जलस्रोत, लोगों ने बदरीनाथ हाईवे किया जाम, वैज्ञानिकों की टीम गठित

जानकारी के मुताबिक, जोशीमठ के मारवाड़ी में पिछले कई महीनों से भूस्खलन की घटनाएं हो रही थी, जिसके बाद अचानक बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग 58 से लगे जयप्रकाश पावर प्रोजेक्ट की कॉलोनी के अंदर से पानी दीवारों के अंदर से और जमीन के अंदर से फूटकर निकलने लगा. जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या को लेकर प्रशासन प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद पहुंचाने में जुटा है. प्रभावित परिवारों के लिए नगर पालिका, ब्लॉक, बीकेटीसी गेस्ट हाउस, जीआईसी, गुरुद्वारा, इंटर कॉलेज, आईटीआई तपोवन समेत अन्य सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था की गई है.

जोशीमठ नगर क्षेत्र से 47 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से शिफ्ट कर लिया गया है. जिसमें से 43 परिवार को प्रशासन ने जबकि, 5 परिवार खुद सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो गए हैं. वहीं, भू-धंसाव से खतरे की जद में आए भवनों को चिन्हित किया जा रहा है. ताकि कोई जानमाल का नुकसान न हो. राहत शिविरों में बिजली, पानी, भोजन, शौचालय समेत अन्य मूलभूत व्यवस्थाओं के लिए नोडल अधिकारी तैनात कर उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है. जिलाधिकारी हिमांशु खुराना खुद लगातार स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं.

वहीं, अपर जिलाधिकारी अभिषेक त्रिपाठी और संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक सैनी समेत प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद है. जोशीमठ भू-धंसाव के खतरे से निपटने के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस सुरक्षा बल को अलर्ट मोड पर रखा गया है.

जोशीमठ पहुंची विशेषज्ञों की टीमः गुरुवार को गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रणजीत कुमार सिन्हा, आपदा प्रबंधन के अधिशासी अधिकारी पीयूष रौतेला, एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट रोहितास मिश्रा, भूस्खलन न्यूनीकरण केंद्र के वैज्ञानिक सांतनु सरकार, आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर बीके माहेश्वरी समेत तकनीकी विशेषज्ञों की पूरी टीम जोशीमठ पहुंच गई है. वहीं, गढ़वाल कमिश्नर और आपदा प्रबंधन सचिव ने तहसील जोशीमठ में अधिकारियों की बैठक लेते हुए स्थिति की समीक्षा की. विशेषज्ञों की टीम ओर से भी प्रभावित क्षेत्रों का विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है.

Last Updated : Jan 5, 2023, 7:39 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details