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Chaitra Navratri 2023 : ये है कलश स्थापना का सर्वोत्तम मुहूर्त, केवल 1 घंटा 9 मिनट का मौका

चैत्र महीने में पड़ने वाली नवरात्रि के लिए तैयारियां शुरू करने के लिए यह जानना जरूरी है कि इसका शुभ मुहूर्त व सही तारीख क्या है. लगभग एक माह बाद शुरू होने वाले नवरात्रि में कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त की जानकारी आपको इस खबर में दी जा रही है...

Chaitra Navratri 2023   Kalash Sthapana
कलश स्थापना का सर्वोत्तम मुहूर्त

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Published : Feb 23, 2023, 12:10 AM IST

देश में 9 दिनों तक चलने वाली नवरात्रि का पर्व साल में दो बार मनाया जाता है. पहली बार इसे चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के महीने में तो दूसरी बार इसे आश्विन मास के शुक्ल पक्ष के महीने में मनाया जाता है. यह त्योहार पूरे 9 दिनों तक चलता हैस जिसमें देवी के 9 अलग-अलग स्वरूपों व अवतारों को अलग अलग तिथियों में पूजा जाता है. पहले नवरात्रि 2023 की तैयारियां शुरू करने के लिए जरूरी है कि हम इसे शुरू होने की तिथि व मुहूर्त को जान लें. इसलिए आज हम आपको चैत्र नवरात्रि 2023 के मनाने के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं. अबकी बार यह त्यौहार 22 मार्च 2023 से मनाया जाएगा.

चैत्र नवरात्रि 2023 चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि को 22 मार्च से शुरू होने जा रही है. वैसे अगर देखा जाय तो प्रतिपदा तिथि शुरुआत 21 मार्च को रात 10 बजकर 52 मिनट पर ही हो जाएगी, लेकिन उदया तिथि की मान्यता के अनुसार नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च 2023 से ही होगी. इसके साथ साथ 30 मार्च को रामनवमी के पर्व के साथ इसकी समाप्ति होगी.

नवरात्रि के लिए कलश स्थापना मुहूर्त

यह है कलश स्थाापना का मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि 2023 की शुरुआत कलश स्थापना से होती है. इसके लिए उसके मुहूर्त की जानकारी होनी आवश्यक है. नवरात्रि के शुभारंभ के लिए कलश की स्थापना 22 मार्च 2023 को होगी. इसके लिए सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 23 मिनट से सुबह 07 बजकर 32 मिनट तक माना जा रहा है. पहले दिन कलश स्थापना या घटस्थापना के लिए आपके पास कुल 1 घंटा 9 मिनट तक मौका होगा. इस समय कलश स्थापना के बाद आप विधि विधान से अपनी पूजा पाठ शुरू कर सकते हैं.

कलश स्थापना की तैयारी
कलश स्थापना के लिए मिट्टी के छोटे घड़े या लोटे का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके साथ साथ गंगाजल, सुपारी, दूर्वा घास और अक्षत की आवश्यकता पड़ती है. कलश में गंगाजल भरने के बाद पांच आम या अशोक के पत्तों को रखकर उसके उपर ढक्कन में अक्षत भरकर रखते हैं. अक्षत के उपर एक जलधारी नारियल लाल कपड़े या माता रानी की चुनरी में लपेट कर रखा जाता है.

नवरात्रि पूजन की तिथि

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