नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 34 के प्रावधानों के अनुसार दिव्यांग व्यक्तियों को पदोन्नति में आरक्षण के लिए जल्द से जल्द निर्देश जारी करे. कोर्ट ने निर्देश जारी करने के लिए केंद्र को चार महीने का समय दिया है.
कोर्ट ने आदेश केंद्र सरकार की ओर से दायर एक विविध आवेदन पर जारी किया, जिसमें सिद्धाराजू बनाम कर्नाटक राज्य के फैसले के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया था. आदेश में कहा गया था कि दिव्यांग व्यक्तियों को पदोन्नति में आरक्षण का अधिकार है.
कोर्ट ने कहा कि फैसले में कोई अस्पष्टता नहीं है और केंद्र को दिव्यांग व्यक्तियों के लिए पदोन्नति में आरक्षण लागू करने के लिए 2016 अधिनियम की धारा 34 के प्रावधान के तहत निर्देश जारी करने का निर्देश दिया.
जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने मंगलवार को केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल माधवी दीवान और प्रतिवादियों की ओर से पेश अधिवक्ता राजन मणि की दलीलें सुनीं.
पिछली सुनवाई में अदालत ने सीनियर एडवोकेट जयना कोठारी की दलीलें सुनी थीं. इस दौरान उन्होंने कहा था कि केंद्र स्पष्टीकरण की मांग की आड़ में निर्णय के प्रभाव को पूर्ववत करने की मांग कर रही है.
एडवोकेट राजन मणि ने बताया कि अधिनियम के लागू होने के 5 साल बाद भी दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 34 के प्रावधान के तहत कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है.