नई दिल्ली: महंगाई से जूझ रही जनता के लिए केंद्र सरकार ने राहत भरा फैसला लिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को पेट्रोल, डीजल से केंद्रीय उत्पाद शुल्क (Excise Duty) में कमी का ऐलान किया है. जिसके बाद पेट्रोल, डीजल के दामों में काफी कमी आ जाएगी. केंद्र ने रसोई गैस सिलेंडर पर भी 200 रुपये की सब्सिडी देने का निर्णय लिया है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कमी कर रहे हैं. जिसके बाद पेट्रोल की कीमत 9.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 7 रुपये प्रति लीटर कम हो जाएगी. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि ई-प्लास्टिक उत्पादों के लिए कच्चे माल और बिचौलियों पर सीमा शुल्क भी कम कर रहे हैं, जहां हमारी आयात निर्भरता अधिक है. स्टील के कुछ कच्चे माल पर आयात शुल्क कम किया जाएगा. कुछ इस्पात उत्पादों पर निर्यात शुल्क लगाया जाएगा.
पीएम मोदी ने फैसले को जनता के हित में बताया
पेट्रोल-डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे लिए हमेशा लोग पहले होते हैं. आज के फैसले, विशेष रूप से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट से संबंधित, विभिन्न क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव डालेंगे, हमारे नागरिकों को राहत प्रदान करेंगे और 'जीवन की सुगमता' को आगे बढ़ाएंगे.
रसोई गैस सिलेंडर हुआ सस्ता:केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 9 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रति गैस सिलेंडर (12 सिलेंडर तक) 200 रुपये की सब्सिडी देंगे. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सीमेंट की उपलब्धता में सुधार के लिए और सीमेंट की लागत को कम करने के लिए बेहतर लॉजिस्टिक्स के माध्यम से उपाय किए जा रहे हैं.
ऐसे चेक करें अपने शहर में पेट्रोल-डीजल की कीमतें:सरकार के फैसले के बाद अगर आप अपने शहर में पेट्रोल-डीजल की कीमत जानना चाहते हैं तो सिर्फ एक SMS करने की जरुरत है. जानकारी के लिए इंडियन ऑयल (IOCL) के ग्राहकों को RSP कोड लिखकर 9224992249 नंबर पर भेजना होगा. अपने शहर का RSP कोड जानने के लिए आपको यहां क्लिककरना होगा.
रोजाना बदलती हैं कीमतें: सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कुछ पैसे का बदलाव रोजाना होता है. हर पखवाड़े पेट्रोल की कीमतों में संशोधन या बदलाव किया जाता है, जो उपभोक्ता पर अतिरिक्त दबाव डालता है. भारत में पेट्रोल की कीमतों को अंतरराष्ट्रीय कीमतों के आधार पर इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी तेल विपणन कंपनियों द्वारा संशोधित किया जाता है. इसलिए जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो भारत में पेट्रोल की कीमतें अधिक होती हैं. इसी तरह अगर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आती है तो हम भारत में दैनिक तौर पर पेट्रोल डीजल की कीमतों में गिरावट देखने को मिलती है.
क्यों बढ़ती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें:हम अक्सर सोचते हैं कि कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों की वजह से ही पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ते हैं. लेकिन सच यह है कि केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा वसूला जाने वाला टैक्स कीमतें बढ़ाने का बड़ा कारण होता है. आंकड़ों की मानें तो मई 2014 के बाद से उत्पाद शुल्क में लगातार वृद्धि हुई है. आंकड़े बताते हैं कि नवंबर 2014 तक पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 54 प्रतिशत की वृद्धि हुई. बजट 2018 के अनुसार सरकार द्वारा पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में कमी के बावजूद पेट्रोल की कीमत को ध्यान में रखते हुए कोई गिरावट नहीं हुई. इसके बाद राज्यों में उत्पाद शुल्क, डीलर कमीशन, लागू वैट, माल ढुलाई आदि के बाद कीमतें बढ़ जाती हैं. यह सच है कि 2014 के बाद से कच्चे तेल की कीमतें घटीं लेकिन केंद्र व राज्य सरकारों के टैक्स की वजह से कीमतें लगातार बढ़ती गईं. केंद्र ने शुरूआत कर दी है, अब राज्य सरकारें भी टैक्स कम करें तो आम जनता को बड़ी राहत मिल सकती है.
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