रांची: गुरुवार को सीबीआई की टीम ने एक साथ झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की, राष्ट्रीय खेल आयोजन समिति के अध्यक्ष व पूर्व राज्यसभा सांसद आरके आनंद, सचिव एसएम हाशिमी, कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक, तत्कालीन खेल निदेशक पीसी मिश्रा, आयोजन में टेंडर समिति से जुड़े जी नारायण और विपिन कुमार सिंह के यहां पहुंची थी. सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, सीबीआइ की टीम ने एक साथ दिल्ली, पटना, रांची, धनबाद, बोकारो, गोड्डा, दुमका में छापेमारी की.
क्या क्या मिला:सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, छापेमारी के दौरान सीबीआई की टीम ने खेल सामग्रियों की खरीद, खेलगांव कॉम्प्लेक्स के निर्माण व आयोजन से जुड़े कागजात जब्त किए हैं. जब्त कागजातों की जांच की जा रही है. सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि मामले में अनुसंधान के दौरान यह तथ्य सामने आए हैं कि आयोजन के दौरान तब के बाजार मूल्य से अधिक पर खेल सामग्रियों की खरीद की गई थी.
सात घंटे चली छापेमारी:सीबीआई की टीम ने रांची में सुबह नौ बजे बंधु तिर्की के मोरहाबादी स्थित सरकारी आवास व बनहौरा स्थित घर पर छापेमारी की. छापेमारी के वक्त बंधु तिर्की आवास में मौजूद नहीं थे. वह दिल्ली में पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होने गए थे. सीबीआई की टीम ने शाम चार बजे तक उनके घर पर छापेमारी व सर्च की. सर्च के दौरान सीबीआई को मौके से कुछ मिला या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है. वहीं दिल्ली में सीबीआई ने आरके आनंद के डीएलएफ कॉम्प्लेक्स स्थित घर व एक फार्म हाउस में छापेमारी की. सीबीआई की टीम ने बोकारो और पटना में विपिन कुमार सिंह, धनबाद में एसएम हाशिमी, रांची में तत्कालीन कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक, तत्कालीन खेल निदेशक पीसी मिश्रा के यहां छापेमारी की.
चार नामजद बनाये गए थे:सीबीआई ने 34वें राष्ट्रीय खेल के कार्यकारी अध्यक्ष आरके आनंद, महासचिव एसएस हाशमी, कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक और तत्कालीन खेल निदेशक पीसी मिश्रा को नामजद अभियुक्त बनाया था. मामले में IPC की धारा 120(B) सह पठित 420, और PC Act 1988 की धारा 13(2) सह पठित 13(1)(D) एफआईआर दर्ज हुई है.
हाई कोर्ट ने दिया था आदेश:गौरतलब है कि वर्ष 2011 में हुए 34वें राष्ट्रीय खेल के आयोजन और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के निर्माण में घोटाले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश झारखंड हाई कोर्ट ने दिया था. झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिए थे. इससे पहले इस घोटाले की जांच झारखंड का एंटी करप्शन ब्यूरो कर रहा था. अदालत ने एसीबी की जांच पर ना सिर्फ गहरा असंतोष जताया था, अदालत ने सीबीआई को इस बिंदु पर भी जांच करने को कहा है कि किन अधिकारियों की वजह से जांच में देरी हुई है.
क्या है पूरा मामला:झारखंड में साल 2007 में राष्ट्रीय खेल का आयेाजन होना था. लेकिन तैयारी पूरी नहीं होने के कारण 34वें राष्ट्रीय खेल साल 2011 में झारखंड में आयोजित हुए. राष्ट्रीय खेल के आयेाजन के पहले खेल सामग्री की खरीद, खेल, ठेका देने में अनियमितता, निर्माण में गड़बड़ी के मामले सामने आए. आंकलन के मुताबिक, 29 करोड़ से अधिक का नुकसान सरकार को हुआ. जिसके बाद साल 2010 में एसीबी ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज की थी.