नई दिल्ली :केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बालासोर ट्रेन हादसे की जांच शुरू कर दी है. सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम मंगलवार को ओडिशा के बालासोर में ट्रेन दुर्घटना स्थल पर पहुंची. बालासोर में दो जून को हुए रेल हादसे की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की 10 सदस्यीय टीम ने मंगलवार को पटरियों और सिग्नल रूम का निरीक्षण किया और बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन पर तैनात रेल अधिकारियों से पूछताछ की.
उल्लेखनीय है कि रेलवे बोर्ड ने रविवार को दुघर्टना की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी. दो यात्री ट्रेनों और एक मालगाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने से कुल 275 लोगों की जान गई थी और करीब 1200 लोग घायल हुए थे. सीबीआई अधिकारियों के साथ आई फॉरेंसिक टीम ने भी सिग्नल रूप के कर्मचारियों से बात की और विभिन्न उपकरणों के उपयोग एवं उनके काम करने के तरीकों की जानकारी प्राप्त की. सीबीआई हादसे की आपराधिक कोण से जांच करेगी क्योंकि रेलवे ने हादसे के पीछे तोड़फोड या बाहरी हस्तक्षेप की आशंका जताई है. खुर्दा रोड मंडल के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) रिंकेश रॉय ने संदेह जताया है कि सिग्नल प्रणाली में संभवत: 'छेड़छाड़' की गई है.
दक्षिण पूर्वी रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी आदित्य चौधरी ने कहा, "सीबीआई सभी पहलुओं की जांच करेगी. वह जानकारी एकत्र कर रही है और रेलवे इसमें पूरा सहयोग करेगा." रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त (दक्षिण पूर्वी क्षेत्र) शैलेश कुमार पाठक ने सोमवार को घटनास्थल का दौरा किया और अपनी जांच के तहत हादसे के बारे में लोगों से बात की. एक अधिकारी ने बताया कि हादसे की वजहों की जानकारी सीबीआई और सीसीआरएस की जांच पूरी होने के बाद ही मिल पाएगी. उन्होंने कहा कि बालासोर जीआरपी ने मामले में प्राथमिकी दर्ज की है और वह भी हादसे की जांच कर रही है.
बता दें कि दो जून को हुए इस हादसे में कम से कम 275 लोगों की मौत हो गई. इस घटना में 1,100 से अधिक यात्री घायल भी हु्ए हैं. सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने प्रोटोकॉल के मुताबिक ओडिशा पुलिस द्वारा तीन जून को दर्ज किये गये बालासोर जीआरपी केस नंबर-64 को अपने हाथ में लिया. यह मामला तीन जून को दुर्घटना के एक दिन बाद दर्ज किया गया था. जानकारी के मुताबिक, मामले में आईपीसी की धारा 337, 338, 304ए (लापरवाही से मौत) और 34 (सामान्य मंशा) और धारा 153 (रेलवे यात्रियों के जीवन को खतरे में डालने वाली गैरकानूनी और लापरवाही भरी कार्रवाई) और रेलवे अधिनियम 154 और 175 (जीवन को खतरे में डालना) के तहत केस दर्ज किया गया है. बताया जा रहा है कि इस मामले की जांच सीबीआई दिल्ली मुख्यालय के विशेष अपराध इकाई को सौंपी गई है.
प्रोटोकॉल के मुताबिक, सीबीआई स्थानीय पुलिस की प्राथमिकी को अपने मामले के रूप में फिर से दर्ज करके जांच शुरू करती है. सीबीआई अपनी जांच पूरी होने के बाद दाखिल आरोपपत्र में प्राथमिकी से आरोप जोड़ या हटा सकती है. इससे पहले, घटना के बाद रविवार (4 मई) को संवाददाताओं से कहा कि हमने ट्रेन हादसे से जुड़ी दुर्घटना की सीबीआई जांच की सिफारिश की है. रेलवे ने ओडिशा ट्रेन हादसे में रविवार को एक तरह से चालक की गलती और प्रणाली की खराबी की संभावना से इनकार किया तथा संभावित 'तोड़फोड़' और 'इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग' प्रणाली से छेड़छाड़ का संकेत दिया.