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सीबीआई कोर्ट ने तारा शाहदेव मामले में रकीबुल और उसकी मां दोषी करार दिया, पांच अक्टूबर को सजा पर फैसला

चर्चित नेशनल शूटर तारा शाहदेव मामले में रांची की सीबीआई अदालत ने फैसला सुना दिया है (CBI Court Verdict On Tara Shahdev). झूठ बोलकर शादी करने और बाद में इस्लाम धर्म अपनाने के लिए दबाव देने और प्रताड़ित करने के मामले में रांची की सीबीआई कोर्ट ने आरोपी रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल, हाईकोर्ट के बर्खास्त पूर्व रजिस्ट्रार विजिलेंस मुश्ताक अहमद और रकीबुल की मां कौशल रानी को दोषी ठहराया है.

CBI court convicted Rakibul and his mother
CBI court convicted Rakibul and his mother

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 30, 2023, 3:10 PM IST

Updated : Sep 30, 2023, 5:45 PM IST

सीबीआई कोर्ट ने तारा शाहदेव मामले में रकीबुल और उसकी मां दोषी करार दिया

रांची:तारा शाहदेव मामले में सीबीआई कोर्ट ने रंजीत कोहली ऊर्फ रकीबुल, उनकी मां कौशल्या रानी और हाई कोर्ट के बर्खास्त रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद को दोषी करार दिया है. 2014 में तारा शाहदेव के धर्म परिवर्तन और यौन उत्पीड़न मामले ने पूरे देश में सुर्खियां बटोरी थीं. इस मामले में 2015 में सीबीआई ने जांच शुरू की थी. इसके बाद सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी, जिसमें फैसला सुना दिया गया है. इस मामले में पांच अक्टूबर को सजा के बिन्दु पर सुनवाई होगी.

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7 जुलाई 2014 को नेशनल शूटर तारा शाहदेव को रकीबुल ने धोखा देकर शादी की थी. शादी के कुछ दिनों के बाद तारा शाहदेव को पता चला कि रंजीत सिंह कोहली दरअसल रकिबुल है. इसके बाद रकीबुल तारा पर लगातार धर्म परिवर्तन कर उसे इस्लाम कबूलने का दबाव बनाने लगा. इस मामले में ना सिर्फ उससे मारपीट की जाती थी बल्कि उसे मानसिक रूप से भी काफी प्रताड़ित किया जाता था. तारा शाहदेव के अनुसार उसे कई बार पालतू कुत्ते से भी कटवाया गया था.

तारा शाहदेव ने आरोप लगाया था कि उसे कई कई दिन तक खाना भी नहीं दिया जाता था. रकीबुल और उसकी मां दोनों तारा को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे. उससे कहा जाता था कि अगर वह अपनी शादी को बचाना चाहती है और सामान्य जीवन जीना चाहती है तो वह इस्लाम कबूल कर ले. यही नहीं रकीबुल की मां ने उसे सख्त चेतावनी दे रखी थी कि वह सिंदूर न लगाए नहीं को उसके हाथ तोड़ दिए जाएंगे.

वहीं तारा शाहदेव ने रकीबुल और उसके परिवार वालों पर दहेज मांगने का भी आरोप लगाया था. करीब डेढ़ महीने की प्रताड़ना के बाद 17 अगस्त 2014 को किसी तरह तारा ने अपने भाई को एक नौकर के मोबाइल से फोन किया और उसे पुलिस के साथ आने के लिए कहा. जिसके बाद पुलिस उसके ससुराल पहुंची और तारा शाहदेव को मुक्त कराया गया.

पूरे देश में मशहूर इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने साल 2015 में केस को टेक ओवर किया. जांच पूरी होने के बाद सीबीआई ने 2017 में रकीबुल, उसकी मां कौशल रानी और झारखंड उच्च न्यायालय के तत्कालीन रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी. आरोपियों के खिलाफ दो जुलाई 2018 को आरोप गठित किया गया था. सीबीआई की ओर से कोर्ट में 26 गवाह पेश किए गये थे. सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने 23 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस मामले में आज तीनों को दोषी ठहराया गया है.

Last Updated : Sep 30, 2023, 5:45 PM IST

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