नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में एक हैरान कर देने वाला मामला आया है. यहां एक पिता की पांच संतान हैं. जिसमें से तीन के पास अनुसूचित जाति जबकि दो के पास अति पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का प्रमाण पत्र है.
दरअसल, गाजियाबाद नगर निगम का वार्ड 26 सुंदरपुरी अनुसूचित जाति के लिए नगर निकाय चुनाव 2023 के दौरान आरक्षित था. इस वार्ड से भाजपा के टिकट पर राजकुमार पुत्र गोकुल चंद्र ने जीत दर्ज की. चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद जिलाधिकारी के समक्ष शिकायत की गई. शिकायत में आरोप लगाया गया कि नामांकन के दौरान दिए गए शपथ पत्र में लगाए गए प्रमाण पत्र में कोरी जाति बताई गई. शिकायतकर्ता ने अपने आरोप में जाति प्रमाण पत्र के फर्जी होने का दावा किया है.
"मेरे चुनाव जीतने के बाद विपक्षी बौखलाए हुए हैं. षड्यंत्र के तहत यह सब किया जा रहा है. जो जाति है वही तो लगाई जाएगी. 1962 की हमारे घर की रजिस्ट्री है. जिसमें हमारी जाति दर्शाई गई है. तब तो मैं पैदा भी नहीं हुआ था. जो लोग चुनाव में हार चुके हैं उनमें से कुछ लोग पहले भी मेरे साथ बदतमीजी कर चुके हैं. मामला कोर्ट में चल रहा है."
राजकुमार, वार्ड -26 पार्षद
जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने एसडीएम से इस पूरे मामले की जांच कराई. जांच में हैरान कर देने वाले तथ्य सामने आए. जांच रिपोर्ट के मुताबिक, राजकुमार ने उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आने वाले कोरी जाति का प्रमाण पत्र जारी करवा लिया. इस संबंध में उनके द्वारा अपनी भारतीय शिक्षा संस्थान जूनियर हाई स्कूल गाजियाबाद की टीसी उपलब्ध कराई गई थी.