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Ghaziabad: एक पिता की 5 संतानों में 2 OBC और 3 SC, एक बेटा चुनाव जीतकर बना पार्षद - गाजियाबाद नगर निगम

गाजियाबाद में प्रशासन की जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. एक पिता की पांच संतानों में से तीन के पास अनुसूचित जाति जबकि दो के पास अति पिछड़ा जाति का प्रमाण पत्र है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 7, 2023, 4:38 PM IST

Updated : Oct 7, 2023, 4:48 PM IST

गाजियाबाद में प्रशासन की जांच में गजब का खुलासा

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में एक हैरान कर देने वाला मामला आया है. यहां एक पिता की पांच संतान हैं. जिसमें से तीन के पास अनुसूचित जाति जबकि दो के पास अति पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का प्रमाण पत्र है.

दरअसल, गाजियाबाद नगर निगम का वार्ड 26 सुंदरपुरी अनुसूचित जाति के लिए नगर निकाय चुनाव 2023 के दौरान आरक्षित था. इस वार्ड से भाजपा के टिकट पर राजकुमार पुत्र गोकुल चंद्र ने जीत दर्ज की. चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद जिलाधिकारी के समक्ष शिकायत की गई. शिकायत में आरोप लगाया गया कि नामांकन के दौरान दिए गए शपथ पत्र में लगाए गए प्रमाण पत्र में कोरी जाति बताई गई. शिकायतकर्ता ने अपने आरोप में जाति प्रमाण पत्र के फर्जी होने का दावा किया है.

"मेरे चुनाव जीतने के बाद विपक्षी बौखलाए हुए हैं. षड्यंत्र के तहत यह सब किया जा रहा है. जो जाति है वही तो लगाई जाएगी. 1962 की हमारे घर की रजिस्ट्री है. जिसमें हमारी जाति दर्शाई गई है. तब तो मैं पैदा भी नहीं हुआ था. जो लोग चुनाव में हार चुके हैं उनमें से कुछ लोग पहले भी मेरे साथ बदतमीजी कर चुके हैं. मामला कोर्ट में चल रहा है."

राजकुमार, वार्ड -26 पार्षद

जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने एसडीएम से इस पूरे मामले की जांच कराई. जांच में हैरान कर देने वाले तथ्य सामने आए. जांच रिपोर्ट के मुताबिक, राजकुमार ने उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आने वाले कोरी जाति का प्रमाण पत्र जारी करवा लिया. इस संबंध में उनके द्वारा अपनी भारतीय शिक्षा संस्थान जूनियर हाई स्कूल गाजियाबाद की टीसी उपलब्ध कराई गई थी.

जांच रिपोर्ट में बताई गई जाति:

  1. राजकुमार पुत्र स्वर्गवासी गोकलचंद: कोरी
  2. वेद प्रकाश पुत्र स्वर्गवासी गोकलचंद: मल्लाह/ केवट
  3. हरिवंश लाल पुत्र स्वर्गवासी गोकलचंद: मल्लाह
  4. मदनलाल पुत्र स्वर्गवासी गोकलचंद: कोरी
  5. सीमा पत्नी (बहन) पवन कुमार: कोरी

"जिला स्तरीय स्क्रूटनी कमिटी जो जाति के लिए बनी हुई है. कमेटी द्वारा प्रकरण में सुनवाई भी की गई. प्रकरण कमेटी के समक्ष विचाराधीन है. कमेटी के निर्णय के उपरांत आदेश जारी किया जाएगा उसे अमल में लाया जाएगा."

अपर जिलाधिकारी प्रशासन और डिप्टी इलेक्शन ऑफिसर, रणविजय सिंह

जांच रिपोर्ट में जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने की संस्तुति की गई है. रिपोर्ट में कहा गया, "परिवार के अलग-अलग सदस्यों द्वारा जाति कोरी और केवट/मल्लाह होने का दावा किया जा रहा है. प्रकरण की संवेदनशीलता को मद्देनजर राजकुमार के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त किया जाता है."

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Last Updated : Oct 7, 2023, 4:48 PM IST

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