नयी दिल्ली :लोकसभा की आचार समिति ने ‘रिश्वत लेकर प्रश्न पूछने’ संबंधी आरोपों के मामले में गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा को संसद के निचले सदन से निष्कासित करने की अनुशंसा की. लोकसभा आचार समिति की बैठक गुरुवार को हुई, जिसमें उन्होंने 6:4 बहुमत के साथ रिपोर्ट को अपनाया. मोइत्रा ने आचार समिति की सिफारिश को खारिज करते हुए इसे 'एक कंगारू अदालत द्वारा पहले से फिक्स मैच' करार दिया और कहा कि यह भारत में 'लोकतंत्र की मौत' है.
भारतीय जनता पार्टी के सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने बैठक की जिसमें समिति की रिपोर्ट को स्वीकार किया गया. सूत्रों का कहना है कि 479 पृष्ठों वाली इस रिपोर्ट में मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है.
अब आचार समिति की रिपोर्ट संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा के पटल पर रखी जाएगी और इससे संबंधित प्रस्ताव पर मतदान होगा. सोनकर ने संवाददाताओं से कहा कि समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट को स्वीकार करने का समर्थन किया और चार ने इसका विरोध किया.
पैनल के अध्यक्ष विनोद सोनकर के मुताबिक, कांग्रेस सांसद परनीत कौर समेत समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट का समर्थन किया, जबकि चार सदस्यों ने इसका विरोध किया. उन्होंने आगे कहा कि पैनल शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक 'विस्तृत रिपोर्ट' सौंपेगा. सोनकर ने कहा कि संसदीय आचार समिति की सिफारिश रिपोर्ट को समिति ने 6:4 बहुमत के साथ अपनाया है. कांग्रेस सांसद परनीत कौर उन छह सांसदों में से एक हैं जिन्होंने मसौदे का समर्थन किया था. एक विस्तृत रिपोर्ट आज लोकसभा अध्यक्ष को सौंपी जायेगी. सोनकर ने कहा कि कोई भी कार्रवाई लोकसभा अध्यक्ष करेंगे.
विशेष रूप से, परनीत कौर जो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं, अब भाजपा में हैं. कांग्रेस की अनुशासन समिति ने इस साल फरवरी में परनीत कौर को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में निलंबित कर दिया था. जो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि वह राज्य में बीजेपी की मदद कर रही हैं. उनके पति अमरिन्दर सिंह और बेटी जय इंदर कौर पिछले साल भाजपा में शामिल हुए थे.
निशिकांत दुबे ने मोइत्रा के खिलाफ कौर के फैसले का समर्थन किया और कांग्रेस सांसद को 'समझौता न करने वाली' बताया. उन्होंने कहा कि पंजाब हमेशा भारत की पहचान और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खड़ा रहा है. आज फिर कैप्टन अमरिन्दर सिंह जी और कांग्रेस पार्टी के सांसद परनीत कौर जी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कोई समझौता नहीं किया. भारत पंजाब के बहादुर लोगों का हमेशा आभारी रहेगा, है और रहेगा. उन्होंने कहा कि परनीत कौर ने सच्चाई का साथ दिया. मैं इसके लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं. कोई भी सही सोच वाला व्यक्ति महुआ मोइत्रा का समर्थन नहीं करेगा. रिपोर्ट का विरोध करने वाले विपक्षी सांसदों ने समिति की अनुशंसा को 'पूर्वाग्रत से युक्त' और 'गलत' बताया.
मोइत्रा के लिए परेशानी तब शुरू हुई जब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई के माध्यम से तृणमूल कांग्रेस सदस्य के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक शिकायत भेजी, जिसमें उन पर अडाणी समूह एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर सदन में सवाल पूछने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था. इस मामले में आचार समिति की बैठक सबसे पहले 26 अक्टूबर को हुई थी निशिकांत दुबे और देहाद्रई ने पेश हुए थे. इसके बाद दो नवंबर को मोइत्रा समिति के समक्ष उपस्थित हुई थीं.
लोकसभा के पूर्व महासचिव पी डी टी आचारी ने कहा कि यह शायद पहली बार है जब लोकसभा आचार समिति ने किसी सांसद को निष्कासित करने की सिफारिश की है. वर्ष 2005 में 'रिश्वत लेकर सवाल पूछने' के एक अन्य मामले में 11 सांसदों को संसद से निष्कासित कर दिया गया था, लेकिन उनके निष्कासन की सिफारिश राज्यसभा की आचार समिति और लोकसभा जांच समिति की ओर से की गई थी. महुआ मोइत्रा ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये साक्षात्कार में कहा कि भले ही वे मुझे लोकसभा से निष्कासित कर दें, मैं अगली लोकसभा में बड़े अंतर से जीतकर आऊंगी.
आचार समिति के पांच विपक्षी सदस्यों ने अपने असहमति नोट दर्ज कराया गया है. विपक्षी सदस्यों ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के निष्कासन की सिफारिश पूरी तरह से राजनीतिक कारणों से की गई है और इससे आने वाले समय में एक खतरनाक परिपाटी कायम होगी.