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सोशल मीडिया के जरिए तेजी से बढ़े रहे हैं दुष्कर्म के केस, ऐसे रहें सावधान - सोशल मीडिया की वर्चुअल जिंदगी

सोशल मीडिया पर दोस्ती कर ब्लैकमेल करने और दुष्कर्म करने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इन मामलों को लेकर साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा ने कहा कि लोग सोशल मीडिया की वर्चुअल जिंदगी और वास्तविक जिंदगी में फर्क समझें, दोनों को अलग रखें.

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Published : Jan 6, 2021, 5:03 PM IST

चंडीगढ़ :सोशल मीडिया के जरिए लोगों के साथ ठगी करने के मामले तो सामने आ ही रहे थे, लेकिन कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें आरोपियों ने दुष्कर्म जैसी संगीन वारदातों को भी अंजाम दिया है.

दोस्ती कर किया दुष्कर्म और ब्लैकमेल
29 दिसंबर, 2020 को यमुनानगर में एक युवती के साथ सोशल मीडिया पर दोस्ती कर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का मामला सामने आया था. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को पुणे से गिरफ्तार किया था.

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इस मामले में आरोपी युवक ने पहले सोशल मीडिया पर युवती से दोस्ती की. इसके बाद युवक ने युवती को शादी का झांसा देकर उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया. उसके बाद शातिर तरीके से उसकी अश्लील वीडियो बनाकर, उसे ब्लैकमेल करते हुए उससे डेढ़ लाख रुपये भी ठग लिए.

ऐसी कई वारदातों से उठा पर्दा
देश और प्रदेश में इस तरह की कई वारदातें सामने आ चुकी हैं. इस तरह के मामलों को लेकर हमने साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा बात की. राजेश राणा ने बताया कि आजकल लोगों की जिंदगी ऐसी हो चुकी है कि लोग अपनी जिंदगी में ऐसे लोगों को चाहते हैं. जिनसे वे अपनी व्यक्तिगत बातें शेयर कर सकें और उनसे भावनात्मक तौर पर जुड़ सकें.

सोशल मीडिया पर बनाया जा रहा शिकार
लोग इसके लिए सोशल मीडिया पर वर्चुअल जिंदगी को ज्यादा अहम मानते हैं, जबकि वे अपने माता-पिता, अपने भाई बहन, दोस्तों से बात नहीं करते. वे सोशल मीडिया पर दूसरों को ढूंढते हैं, जिन्हें वे जानते नहीं. उन्हें ये भी पता नहीं होता कि जिस आईडी पर वे बात कर रहे हैं वो असली है या फर्जी. ये बाद में पता चलता है कि ये दोस्ती पैसों की ठगी के लिए की गई थी या फिर किसी का शारीरिक शोषण करने के लिए.

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लड़कियां इन बातों का रखें खास ख्याल
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते समय लड़कियों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है. जैसे कि अगर आप किसी प्रोफाइल पर बात कर रहे हैं तो उस प्रोफाइल को जांचने के कई तरीके हैं, जैसे वो प्रोफाइल कब बनाई गई, वो कितनी पुरानी है और उस प्रोफाइल पर कितनी पोस्ट डाली गई है.

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अगर पोस्ट ज्यादा हैं तो वो पोस्ट किस तरह की हैं, क्योंकि व्यक्ति द्वारा डाली गई पोस्ट से भी उसकी मानसिकता का पता चल सकता है. साथ ही जिस व्यक्ति से आप बात कर रहे हैं क्या वो खुद आपसे बात कर रहा है या फिर किसी दूसरे की फोटोग्राफ इस्तेमाल कर आप से बात कर रहा है. इसके लिए आप वीडियो कॉल भी कर सकते हैं. इसके अलावा अगर आप से कोई पैसे की डिमांड करे या आपको मिलने के लिए बुलाए तो ऐसा कभी ना करें. इसमें बच्चों के माता-पिता का भी अहम रोल है.

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माता-पिता को भी बच्चे पर रखनी चाहिए नजर
बच्चों के माता-पिता को ये पता होना चाहिए कि उनके बच्चे सोशल मीडिया पर कितना समय बिता रहे हैं और उस दौरान वे क्या कर रहे हैं, किन लोगों से बात कर रहे हैं, क्योंकि बच्चे सोशल मीडिया पर कई बार भावनात्मक तौर पर जुड़ जाते हैं और वो सामने वाले व्यक्ति की मंशा को समझ नहीं पाते. जिससे वे मानसिक और शारीरिक तौर पर शोषण का शिकार हो सकते हैं. अगर माता-पिता नजर रखेंगे तो उन्हें सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव से बचाया जा सकता है.

इसके अलावा सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे सभी लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सोशल मीडिया एक वर्चुअल दुनिया है, वहां पर मिलने वाले लोग फर्जी भी हो सकते हैं, इसलिए वर्चुअल दुनिया को वास्तविक जिंदगी से अलग रखना चाहिए. फेसबुक पर लोगों से बात करने की बजाय हमें अपने आस-पास मौजूद लोगों, अपने दोस्तों और अपने परिवार के लोगों से बात करनी चाहिये.

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