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रेलवे के फैसले से कैप्टन अमरिंदर नाराज, राजघाट पर देंगे धरना - पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को घोषणा की कि वह राज्य के बिजली संकट को उजागर करेंगे. इसके लिए वह बुधवार को दिल्ली के राजघाट पर कांग्रेस विधायकों के साथ धरना देंगे. इससे पहले अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने का समय मांगा था, लेकिन उन्हें मुलाकात का समय नहीं मिला.

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Published : Nov 3, 2020, 7:09 PM IST

नई दिल्ली :पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कहा है कि रेलवे के निर्णय की वजह से पंजाब में कोयला, यूरिया, डीएपी और अन्य जरूरी सामग्रियों की आपूर्ति प्रभावित हो रही है. उन्होंने कहा कि किसानों की ओर से प्रदर्शन के तहत आवाजाही बाधित करने में ढील देने के बाद भी रेलवे ने ट्रेन नहीं चलाने का निर्णय लिया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी वजह से सभी पॉवर प्लांट पूरी तरह से बंद हो गए हैं और कृषि व सब्जियों की आपूर्ति में कटौती की जा रही है.

कैप्टन अमरिंदर ने राज्य में बिजली संकट और जरूरी सामग्री की आपूर्ति के मुद्दे को रेखांकित करने के लिए बुधवार को दिल्ली में राजघाट पर धरना देने का एलान किया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य की बदहाल स्थिति को केंद्र के सामने लाने के लिए राष्ट्रपिता की समाधि स्थल पर एक सांकेतिक धरना देने का निर्णय लिया है.

मुख्यमंत्री को इससे पहले कृषि संबंधित संशोधन बिल पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने का समय नहीं मिला था.

वर्तमान में दिल्ली में धारा 144 लगी हुई है, इसलिए पार्टी के विधायक दिल्ली में पंजाब भवन से चार-चार की संख्या में राजघाट जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सुबह 10.30 बजे पहले जत्थे की अगुवाई करेंगे.

इससे पहले किसानों द्वारा नाकाबंदी में ढील दिए जाने के बाद भी मालगाड़ियों का परिचालन लगातार निलंबित रखे जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए अमरिंदर सिंह ने रविवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को खुला पत्र लिखा था और मसले को सुलझाने के लिए सामूहिक इच्छाशक्ति का आह्वान किया था.

किसानों के विरोध प्रदर्शनों, विशेष रूप से रेलवे द्वारा माल गाड़ियों के निरंतर निलंबन पर और भाजपा के राष्ट्रीय और पंजाब के नेताओं की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि यह न राजनीतिक टकराव का समय है और न आरोप-प्रत्यारोप का.

उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण क्षण में हम सभी के लिए जरूरी है कि हम अपने राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार करें. उन्होंने कहा कि राजनीतिक मतभेदों से उठकर यह राजनीतिज्ञ के रूप में प्रतिक्रिया देने का समय है.

मालगाड़ियों की सेवाएं लगातार बंद रहने के नतीजों का हवाला देते हुए कैप्टन अमरिंदर ने कि इस कारण न केवल पंजाब, बल्कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख को भी भारी कमी का सामना करना पड़ेगा.

उन्होंने चेतावनी दी कि सर्दियों की शुरुआत के साथ इससे सैन्य बलों के बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका है, क्योंकि एक बार बर्फबारी के दौरान लद्दाख और कश्मीर घाटी की सड़कें अवरुद्ध होने के बाद उन्हें आपूर्ति और अन्य जरूरी चीजों की कमी का सामना करना पड़ सकता है.

उन्होंने कहा, 'ये ऐसे खतरे हैं कि न तो केंद्र सरकार और न ही कोई राजनीतिक दल, जिसमें भाजपा भी शामिल है, अनदेखी कर सकते हैं.'

लंबे समय तक नाकेबंदी के कारण पंजाब में हुए नुकसान का जिक्र करते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा कि बिजली, यूरिया और डीएपी स्टॉक की महत्वपूर्ण कमी को देखते हुए, मालगाड़ियों के निरंतर निलंबन का मतलब उद्योग, कृषि और समग्र अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण नुकसान है.

राष्ट्रीय सुरक्षा पर उन्होंने कहा कि यदि सशस्त्र बल चीन और पाकिस्तान दोनों से बढ़ते आक्रामक खतरों के बीच महत्वपूर्ण आपूर्ति से वंचित रहते हैं, तो देश के लिए स्थिति बेहद खतरनाक हो सकती है.

मुख्यमंत्री ने किसानों द्वारा नाकाबंदी में ढील देने के बावजूद रेलवे द्वारा मालगाड़ियों की आवाजाही की अनुमति नहीं देने के पीछे का कारण रेलवे द्वारा 'ट्रेन परिचालन की सुरक्षा और अनिश्चितता' बताए जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया था.

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