नई दिल्ली/गाजियाबाद:गाजियाबाद में बुधवार को तहसील परिसर में चेंबर में घुसकर वकील मनोज चौधरी उर्फ मोनू की हत्या के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें से आरोपी अमित, मोनू का जीजा है. पता चला है कि इस वारदात को पारिवारिक विवाद के चलते अंजाम दिया गया था. मामले में पुलिस ने एक सीसीटीवी फुटेज भी जारी किया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी बाइक पर नहीं बल्कि कार में आए थे, जिन्होंने एक दिन पहले ही वारदात को अंजाम देने की प्लानिंग की थी. यह भी सामने आया है कि आरोपियों ने रक्षाबंधन का ही दिन क्यों चुना.
एडिशनल कमिश्नर दिनेश पी ने बताया कि वारदात के बाद लोगों ने बताया कि आरोपी मुंह ढक कर आए थे, जो वकील पर हमला करके फरार हो गए. इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने कई टीम में बनाई, जिन्होंने सीसीटीवी फुटेज खंगाले. इसके अलावा कुछ गवाहों से पूछताछ भी की गई. पुलिस को पता चला कि यह हत्या एक योजनाबद्ध तरीके से की गई हत्या थी, जिसकी प्लानिंग वकील के जीजा अमित डागर ने की थी.
उन्होंने कहा कि मामले में वकील के जीजा का छोटा भाई और दोस्त भी शामिल थे. तीनों आरोपी वारदात से 15 मिनट पहले कार से तहसील पहुंचे और अवैध हथियार से वकील की हत्या को अंजाम देकर मौके से फरार हो गए. बताया जा रहा है कि चेंबर में सिर्फ एक ही आरोपी अंदर गया था और बाकी दो बाहर खड़े हुए थे. घटना के बाद आरोपी दूसरी कार से घूम रहे थे. पुलिस ने दोनों कार (ब्रेजा और सैंट्रो) बरामद कर ली है.
प्रॉपर्टी विवाद का ऐंगल आया सामने: जानकारी के मुताबिक, वकील मनोज चौधरी की बड़ी बहन सरिता चौधरी की शादी 2002 में अमित डागर से हुई थी, जो पेशे से अधिवक्ता है. इसके अलावा उसका छोटा भाई नितिन भी अधिवक्ता है, जिसका चेंबर गाजियाबाद में ही है. बीते कुछ समय से अमित डागर और उनकी पत्नी के बीच अनबन चल रही थी. अमित पर घरेलू हिंसा का भी आरोप है, जिसमें मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके चलते अमित की पत्नी मायके में आकर रह रही थी.