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Rishi Sunak On Khalistani Issue: खालिस्तानी मुद्दे पर ब्रिटिश पीएम सुनक ने कहा- देश में किसी भी तरह का उग्रवाद स्वीकार्य नहीं - जी20 शिखर सम्मेलन

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (British Prime Minister Rishi Sunak) ने कहा है कि किसी भी तरह का उग्रवाद स्वीकार नहीं है. उन्होंने उक्त बातें खालिस्तान समर्थकों की ब्रिटेन में गतिविधियों को लेकर पूछे जाने पर कहीं. पढ़िए पूरी खबर...

British Prime Minister Rishi Sunak
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 6, 2023, 5:58 PM IST

Updated : Sep 6, 2023, 6:25 PM IST

नई दिल्ली : छह सितंबर (भाषा) ब्रिटेन में खालिस्तानी समर्थक तत्वों की गतिविधियों को लेकर भारत की चिंताएं दूर करने का प्रयास करते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (British Prime Minister Rishi Sunak) ने बुधवार को कहा कि किसी भी तरह का उग्रवाद स्वीकार्य नहीं हैं और वैध विरोध के अधिकार को हिंसक या धमकी भरे व्यवहार तक नहीं ले जाया जा सकता. सुनक ने पीटीआई-भाषा को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा कि वह हिंसक, विभाजनकारी विचारधाराओं, वे चाहे जिस तरह की हों, उन पर काबू पाने और उनका मुकाबला करने के सरकार के कर्तव्य को काफी गंभीरता से लेते हैं.

उन्होंने कहा कि ब्रिटेन खालिस्तान समर्थक उग्रवाद के खतरे से निपटने के लिए भारत सरकार में अपने साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रहा है. ब्रिटेन में खालिस्तानी समर्थक तत्वों की गतिविधियों को लेकर, खासतौर पर मार्च में लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर हमले के बाद भारत में चिंताएं बढ़ गयी हैं. सुनक के ये बयान जी20 सम्मेलन में शामिल होने के लिए उनकी भारत यात्रा से कुछ दिन पहले आए हैं. उन्होंने कहा, 'ब्रिटेन में किसी तरह का उग्रवाद स्वीकार्य नहीं हैं और मैं हिंसक, विभाजनकारी विचारधाराओं, चाहे वे कैसी भी हों, उन पर काबू पाने और उनसे मुकाबला करने के सरकार के कर्तव्य को बहुत गंभीरता से लेता हूं.'

सुनक ने कहा, 'हम खालिस्तान समर्थक उग्रवाद के खतरे से निपटने के लिए भारत सरकार में हमारे साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और ब्रिटेन की पुलिस हिंसक गतिविधियों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है.' दिल्ली में इस तरह की राय है कि खालिस्तान का मुद्दा भारत और ब्रिटेन के गहन संबंधों में अवरोध पैदा कर रहा है. सुनक ने पिछले महीने हुई ब्रिटेन के सुरक्षा मंत्री टॉम टुगेंडहाट और विदेश मंत्री एस जयशंकर की बैठक का भी उल्लेख किया जिसमें उग्रवाद और भ्रष्टाचार के खतरे से निपटने पर ध्यान केंद्रित किया गया.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा, 'अगस्त में ब्रिटेन के सुरक्षा मंत्री ने उग्रवाद और भ्रष्टाचार के खतरे से निपटने के लिए हमारे साझा कामकाज के संबंध में नई दिल्ली में विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात की थी.' सुनक ने कहा, 'उस यात्रा के दौरान उन्होंने खालिस्तान समर्थक उग्रवाद से निपटने की ब्रिटेन की क्षमता के विस्तार के लिए नए कोष की घोषणा की थी. एक करोड़ रुपये का निवेश खालिस्तान समर्थक उग्रवाद से उत्पन्न खतरे के बारे में हमारी समझ को मजबूत करेगा और ब्रिटेन तथा भारत के बीच पहले से ही चल रहे संयुक्त कार्य का पूरक होगा.'

उन्होंने कहा, 'ब्रिटेन के नागरिकों को वैध रूप से इकट्ठा होने और अपना दृष्टिकोण प्रदर्शित करने का अधिकार है, लेकिन वैध विरोध के अधिकार को हिंसक या धमकी भरे व्यवहार तक नहीं ले जाया जा सकता.' मार्च में लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तान समर्थक तत्वों के हमले पर भारत ने नाराजगी भरी प्रतिक्रिया दी थी. मई 2021 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के उनके तत्कालीन समकक्ष बोरिस जॉनसन के भारत-ब्रिटेन वर्चुअल शिखर-सम्मेलन के दौरान भारत-ब्रिटेन साझेदारी एक समग्र रणनीतिक साझेदार के रूप में उन्नत हुई थी. उस सम्मेलन में दोनों पक्षों ने व्यापार और अर्थव्यवस्था, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और जनता के आपसी संपर्क समेत अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संबंधों के विस्तार के लिए 10 वर्षीय रोडमैप को स्वीकार किया था.

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(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Sep 6, 2023, 6:25 PM IST

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