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CPIM का तीन दिवसीय 7वां झारखंड राज्य सम्मेलन शुरू, वृंदा करात ने कहा- RSS का मतलब राष्ट्रीय सर्वनाश समिति

दुमका में सीपीआईएम का तीन दिवसीय सातवां झारखंड राज्य सम्मेलन शुरू हो गया. इस दौरान वाम नेताओं ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. वृंदा करात ने कहा कि आरएसएस का मतलब राष्ट्रीय सर्वनाश समिति.

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Published : Oct 29, 2021, 10:48 PM IST

दुमका
दुमका

दुमका:जिले में सीपीआई (एम) का तीन दिवसीय सातवां झारखंड राज्य सम्मेलन शुरू हुआ. शहर के इंडोर स्टेडियम में आयोजित इस सम्मेलन में पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात, पोलित ब्यूरो सदस्य मो. सलीम, सीपीआईएम के झारखंड राज्य सचिव गोपीकांत बख्शी समेत पार्टी के राज्य और जिलास्तर के 300 नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए. इसके साथ ही अन्य वामपंथी दल से भाकपा माले के विधायक विनोद सिंह मासस के हलधर महतो भी मौजूद होकर वामपंथी एकता का परिचय दिया.

देखें वीडियो.

महंगाई से घर चलाना मुश्किल हो रहा
पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात में अपने संबोधन में भाजपा की नीतियों पर जमकर साथ निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भाजपा की गलत नीतियों की वजह से आज देश में मजदूर, किसान गरीब सभी परेशान हैं. जबकि पूंजीपतियों की कमाई लगातार आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि आज देश में महंगाई इतनी बढ़ गई है कि लोगों को घर चलाना मुश्किल हो रहा है. पेट्रोलियम पदार्थों का मूल्य लगातार बढ़ रहा है और इससे सरकार अपना खजाना भर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार यह कहती है कि टैक्स से आए पैसे से हम लोगों को वैक्सीन मुफ्त में दे रहे हैं तो फिर वैक्सीनेशन सेंटर पर मोदी अपना बैनर लगाकर क्यों वाहवाही लेने का प्रयास कर रहे हैं.

आरएसएस का मतलब राष्ट्रीय सर्वनाश समिति
वृंदा करात ने कहा कि भाजपा के आगे-पीछे-बगल सभी जगह आरएसएस ने शिकंजा कस रखा है. उन्होंने आरएसएस को राष्ट्रीय सर्वनाश समिति का नाम दिया. वृंदा करात ने कहा कि आरएसएस का एक ही एजेंडा है कॉरपोरेट की मदद करो और दूसरी ओर इस देश की धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक न्याय और संघीय ढांचा को समाप्त कर हिंदुत्व के नाम पर राष्ट्र बनाओ. उन्होंने उपस्थित लोगों को कहा कि हम आपका आह्वान करते हैं कि भाजपा और आरएसएस की नीतियों का जमकर विरोध करें अपनी बात जन-जन तक पहुंचाएं.

रघुवर सरकार ने आदिवासियों को भेजा जेल हेमंत सोरेन उनका केस करें समाप्त
वृंदा करात ने झारखंड के मुद्दे पर अपने संबोधन में कहा कि खूंटी में हुए पत्थरगढ़ी और अन्य मुद्दों पर काफी संख्या में आदिवासियों के ऊपर केस किया और जेल भेजा गया. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सवाल किया कि आपने कहा था कि ऐसे मामले में आदिवासियों के ऊपर हुए केस को वापस लेंगे, आप बताएं कि आपने कितने केस वापस किए. अगर नहीं किया तो अब करना शुरू करें.

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