दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

दहेज प्रथा खत्म करने को दहेज में लिए 51 पौधे, दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश - 51 plant to groom as dowry

कोरोना काल में शादी का रूप बदल गया है. जहां पहले विवाह समारोह में भारी भीड़ उमड़ती थी. वहीं, अब सिर्फ चंद लोगों की मौजूदगी में ही विवाह संपन्न कराया जा रहा है.

दहेज प्रथा खत्म करने को दहेज में लिए 51 पौधे
दहेज प्रथा खत्म करने को दहेज में लिए 51 पौधे

By

Published : May 25, 2021, 1:23 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद:राष्ट्रीय राजधानी से सटे गाजियाबाद जिले में एक युवक ने दहेज प्रथा खत्म करने की एक अनूठी मिसाल कायम की है. मुरादनगर ब्लॉक के सुराना गांव में रहने वाले बल सिंह ने दहेज के रूप में 51 पौधे लेकर न सिर्फ दहेज प्रथा को खत्म करने का प्रयास किया है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया है. इसके साथ ही उन्होंने युवाओं से अपील की है कि वह भी दहेज के रूप में पेड़-पौधे लेकर प्रकृति को आगे बढ़ाएं.

सुहाना गांव के युवक ने दहेज में 51 पौधे लेकर की शादी

शादी के लिए कर्ज गलत

नवविवाहित युवक बल सिंह ने बताया कि समाज में दहेज प्रथा का जो नियम बना हुआ है. उससे समाज में गलत संदेश जा रहा है. किसी व्यक्ति के पास पैसा है और किसी के पास नहीं है, लेकिन शादी करने के लिए वह कर्जा लेकर दहेज देते हैं. उनकी नजरों में यह गलत है. इसीलिए उन्होंने सोचा कि दहेज प्रथा के खिलाफ ऐसा कदम उठाया जाए कि जिससे समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ और प्रकृति से लोगों का जुड़ाव पैदा हो, इसीलिए वह दहेज में पेड़-पौधे लेकर आए हैं.

गाजियाबाद: मास्क नहीं पहनने पर 24 घंटे में 2777 चालान, 2.7 लाख वसूला जुर्माना

दहेज मुक्त गांव की ओर अग्रसर युवा

ग्रामीण भरत आर्य ने बताया कि बल सिंह को प्रकृति से बहुत अधिक प्रेम है. उनका मानना है कि प्रकृति ही साक्षात ईश्वर है. धरती पर अगर कोई पूजने लायक चीज है. तो वह प्रकृति, नदियां और पहाड़ हैं तो वहीं दूसरी ओर आजकल के समाज में दहेज एक अभिशाप है. इसीलिए उन्होंने प्रयास किया कि दहेज का कलंक उनके माथे पर न लगे. इसीलिए उनके गांव के अधिकतर लोग यही प्रयास कर रहे हैं कि वह बिना दहेज के ही सिर्फ पेड़-पौधे लेकर शादी करें और उनका गांव बिना दहेज के शादी करने वाले गांवों की ओर अग्रसर हो.

ABOUT THE AUTHOR

...view details