औरंगाबाद (महाराष्ट्र) : बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि यदि पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) के माध्यम से गुजरात की किसी कंपनी द्वारा आपूर्ति किए गए किसी भी खराब वेंटिलेटर (defective Ventilator) की वजह से कोविड-19 (Covid-19) के रोगियों की मौत होती है, तो इसकी जिम्मेदारी केंद्र की होगी.
बुधवार को अपने फैसले में न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे और न्यायमूर्ति बी.यू. देबद्वार ने कहा कि कोविड-19 के मरीजों पर ऐसे वेंटिलेटर के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जा सकती ,क्योंकि बड़ै पैमाने पर मरम्मत किए गए वेंटिलेटर से मरीज की जान जा सकती है. अगर केंद्र द्वारा महाराष्ट्र को भेजे गए वेंटिलेटर में से कोई भी खराब है, तो उसे बदला जाना चाहिए.
7 जून को होगी अगली सुनवाई
केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि नई दिल्ली से विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम द्वारा गुरुवार को औरंगाबाद के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का दौरा किया जाएगा. इस टीम में राम मनोहर लोहिया और सफदरगंज अस्पताल से एक-एक डॉक्टर होंगे. खराब वेंटिलेटर का निरीक्षण करने के लिए अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 7 जून को तय की है.