मुंबई :बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से मंगलवार को जवाब दाखिल करके यह बताने का निर्देश दिया कि प्राकृतिक आपदा के लिहाज से संवेदनशील रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में अब तक नागरिक रक्षा केन्द्र स्थापित क्यों नहीं किए गए हैं.
अदालत ने कहा कि रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग में पिछले कुछ वक्त में कई प्राकृतिक आपदाएं आई हैं और अगर वक्त रहते ये केन्द्र स्थापित हो जाते और इनमें कामकाज शुरू हो जाता तो नागरिकों को वक्त पर और बेहतर बचाव सेवाएं मुहैया कराई जा सकती थीं.
बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ ने महाराष्ट्र के गृह विभाग के सचिव को 10 दिन में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
पीठ राज्य के राजस्व विभाग के पूर्व अधिकारी की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी. जनहित याचिका के अनुसार, राज्य प्राधिकारों ने 2011 में सिंधुदुर्ग और रत्नागिरि सहित छह जिलों को 'कई खतरों वाला क्षेत्र' घोषित किया था और मुंबई, ठाणे और रायगढ़ सहित छह तटीय जिलों में नागरिक सुरक्षा केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए थे.