आचे (इंडोनेशिया) :रोहिंग्या शरणार्थियों को ले जाने वाली एक नाव जो एक महीने से समुद्र में भटक रही थी, आखिरकार इंडोनेशिया के आचे पहुंची. वीओए समाचार ने सोमवार को जहाज पर नजर रखने वाले दो अधिकार समूहों का हवाला देते हुए बताया. सोमवार दोपहर इंडोनेशिया के आचेह पहुंची नाव में 180 से अधिक जातीय रोहिंग्या पुरुष, महिलाएं और बच्चे सवार थे. एक दर्जन से अधिक के मरने की खबर है. इसके अलावा, रविवार को 57 रोहिंग्या पुरुषों को लेकर एक नाव इंडोनेशियाई द्वीपसमूह के सुदूर पश्चिम में सुमात्रा के उत्तरी सिरे पर आचे प्रांत में पहुंची. विशेष रूप से, पड़ोसी म्यांमार में उत्पीड़न से भागकर दस लाख से अधिक रोहिंग्या लोगों ने बांग्लादेश में शरण मांगी है.
मानवाधिकार संगठनों के अनुसार, उस समय तक पूरी यात्रा के दौरान 20 यात्रियों की मौत हो सकती है. सोमवार तक वे मरने वालों की संख्या की पुष्टि करने में असमर्थ थे. वीओए न्यूज को मिले वीडियो में बचाए गए यात्रियों में से कुछ थके हुए और दुबले दिखाई दे रहे हैं. पिछले हफ्ते, शरणार्थी शिविरों में एक रोहिंग्या कार्यकर्ता ने वीओए को बताया कि नाव के कप्तान ने उसे फोन किया और कहा कि वे 'भूखे से मर रहे हैं'.
समंदर में फंसी रोहिंग्याओं से भरी नाव में 180 लोगों के मारे जाने की आशंका :नवंबर में बांग्लादेश छोड़ने के बाद हफ्तों तक समुद्र में फंसे 180 जातीय रोहिंग्या के मारे जाने की आशंका जताई गई है. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने खबरों का हवाला देते हुए बताया कि समुद्र में न चलने योग्य नाव संभवत: समुद्र में लापता होने के बाद डूब गई है. यूएनएचसीआर ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा, 'रिश्तेदारों ने संपर्क खो दिया है. जो आखिरी बार संपर्क में थे, उन्हें लगता है कि सभी मर चुके हैं.'
भारतीय जहाजों से किया गया था संपर्क : बीते दिनों फंसी हुई नाव ने मंगलवार देर रात भारतीय जहाजों से संपर्क किया था. भारतीय नौसेना के एक प्रवक्ता ने कहा था कि उनके पास इस बारे में साझा करने के लिए कोई जानकारी नहीं है. इस बीच अनुमान के मुताबिक, पिछले हफ्ते, म्यांमार के दो रोहिंग्या कार्यकर्ता समूहों ने कहा कि भारत के तट से दो सप्ताह तक समुद्र में फंसी एक नाव पर भूख या प्यास से 20 लोगों की मौत हो गई. अब कहा जा रहा है कि कम से कम 100 लोगों वाली नाव मलेशियाई जलक्षेत्र में थी.
'ये भयानक और अपमानजनक है': मानवाधिकार समूह 'द अराकान प्रोजेक्ट' की निदेशक क्रिस लेवा ने इस हादसे को लेकर कहा कि ये भयानक और अपमानजनक है. एशिया पैसिफिक रिफ्यूजी राइट्स नेटवर्क के रोहिंग्या वर्किंग ग्रुप ने कहा कि समूह दो सप्ताह से अधिक समय से भटक रहा था.'