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यूपी : चुनावी मोड में बीजेपी, नेताओं के ताबड़तोड़ दौरे जारी

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Published : Jun 19, 2021, 4:53 PM IST

उत्तर प्रदेश में सरकार से लेकर संगठन तक में सियासी फेरबदल के बीच 21-22 जून को भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष और यूपी बीजेपी प्रभारी राधामोहन सिंह लखनऊ पहुंचेंगे. इनके इस दौरे को अमित शाह और जेपी नड्डा के यूपी में होने वाले दौरे से जोड़कर देखा जा रहा है.

santosh
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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अभी वक्त है लेकिन बीजेपी अभी से चुनावी मोड में है. पिछले दिनों लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हुई मीटिंग में मंथन का दौर जारी है. सीएम योगी ने भी दिल्ली का दौरा करके यूपी में सियासी हलचल को बढ़ा दिया था.

आगामी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने खुद कमान संभाल ली है. चुनाव को लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह उत्तर प्रदेश की सियासी नब्ज टटोलेंगे. लेकिन उससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष और यूपी बीजेपी प्रभारी राधामोहन सिंह लखनऊ आकर कील-कांटों को दुरुस्त करेंगे. बीजेपी अध्यक्ष और गृहमंत्री के यूपी दौरे से पहले 21-22 जून को भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष और यूपी बीजेपी प्रभारी राधामोहन सिंह का केंद्रीय नेतृत्व के अनुरूप लखनऊ दौरा होगा.

पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के बाद अब भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उत्तर प्रदेश के रण में कूदने जा रहा है. चुनावी अभियान में कूदने से पहले पार्टी सांगठनिक स्तर पर सारी तैयारियां पूरा करना चाहती है. बता दें कि प्रदेश भाजपा में मोर्चा और प्रकोष्ठों का गठन नहीं हो सका है. जानकारी के मुताबिक बीएल संतोष ने 31 मई के अपने लखनऊ प्रवास के दौरान भाजपा प्रदेश नेतृत्व से मोर्चा प्रकोष्ठों की घोषणा के लिए कहा था, बावजूद इसके अभी तक यह नहीं हो सका है.

उम्मीद जताई जा रही है कि 21-22 जून को बीएल संतोष इन सब चीजों पर चर्चा करके इसे अंतिम रूप देने का प्रयास करेंगे. इसी क्रम में पार्टी ने योगी सरकार में रिक्त चल रहे आयोगों, निगम और बोर्डों के पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कराने पर जोर दिया है. योगी सरकार ने इसी सप्ताह दो आयोगों की घोषणा की है. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही अन्य आयोग और निगमों में पार्टी के कार्यकर्ताओं, नेताओं का समायोजन कर लिया जाएगा.

इसका मकसद सिर्फ पार्टी के कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करना, उनमें उत्साह पैदा करना और पार्टी संगठन के लिए जुटकर काम करने का माहौल बनाना है. यूपी में 2007 के विधानसभा चुनाव में 47 सीटें जीतने वाली भाजपा पिछले चुनाव में अकेले 312 सीटें जीतकर अपने इतिहास में सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंची थी. पार्टी नेतृत्व ने उस जीत को दोहराने के लिए फिर से गुणा-गणित शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि 2017 के इतिहास को दोहराने के लिए ही गृहमंत्री अमित शाह ने एक बार फिर यूपी की कमान अपने हाथों में ले ली है.

अगले माह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ अमित शाह का भी यूपी का दौरा शुरू हो रहा है. यूपी के दौरे पर आने से पहले अमित शाह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल, अपना दल (एस) की सांसद अनुप्रिया पटेल और निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद से मुलाकात कर यूपी का सियासी तापमान नाप लिया है.

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इस संबंध में राजनीतिक विश्लेषक पीएन द्विवेदी कहते हैं कि भाजपा हमेशा चुनावी मोड में काम करती है. पंचायत चुनाव लड़ना भी 2022 की तैयारी ही है. शाह और नड्डा के दौरे से पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष 21 जून को लखनऊ आ रहे हैं. वह प्लेटफॉर्म तैयार करेंगे.

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