पटना: बिहार में राजद सहित महागठबंधन के साथ एक नई सरकार बनाने के लिए नीतीश कुमार ने अपनी सहयोगी भाजपा को छोड़ दिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को जदयू के रुख में बदलाव पर सवाल उठाते हुए जदयू नेता पर 'भ्रष्टाचार और कांग्रेसवाद' का पक्ष लेने का आरोप लगाया. प्रसाद ने यह भी पूछा कि क्या कुमार की राजनीति जो 'गैर-कांग्रेसवाद' के इर्द-गिर्द है, समाप्त हो गई है? यह भी कहा कि यह भाजपा थी जिसने उन्हें एक बड़ा नेता बनाया.
भाजपा नेता की यह टिप्पणी नीतीश कुमार के आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण समारोह से कुछ घंटे पहले आई है. हालांकि, राजद नेता मनोज झा ने इस कदम को '2017-2020 जनादेश की घर वापसी' कहा. एजेंसी से बात करते हुए प्रसाद ने कहा, 'मेरा सवाल यह है कि क्या नीतीश कुमार एक बार फिर भ्रष्टाचार की गोद में चले गए हैं? उन्होंने 2017 में क्या कहा था कि पटना में रेलवे भर्ती घोटाला, मॉल घोटाला हुआ था.
रांची में बिकने वाले रेलवे के एक होटल को बेचने पर सुशील मोदी ने सवाल किया था. ललन सिंह ने भी सवाल उठाए थे. कोई जवाब नहीं आया. तेजस्वी ने कहा कि वह जवाब नहीं देंगे और अपने वकील से बात करेंगे. नीतीश जी, क्या आपको जवाब मिला?' उन्होंने कहा, 'दूसरा सवाल यह है कि आप (जदयू) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नाम की लहर के कारण लोकसभा चुनाव जीता.
आपने 2014 में 2 सीटें जीती थीं, और 2019 में एक बार फिर हमारे गठबंधन के कारण 16 सीटें जीती थीं. 2020 के विधानसभा चुनाव में जब पीएम मोदी ने पूरे जोरों पर प्रचार शुरू किया, आपने 43 सीटें जीतीं, भाजपा ने लगभग दोगुनी सीटें जीतीं, फिर भी, प्रधानमंत्री ने आपको मुख्यमंत्री घोषित किया. पूर्व मंत्री ने कहा कि बिहार में 2024 के लोकसभा और 2025 के विधानसभा चुनाव में कुमार के कदम का जवाब जनता देगी. 'आप भ्रष्टाचार के कारण 2017 में भाजपा में लौटे, और अब आप फिर से महागठबंधन में लौट आए.
आप क्या हैं? नीतीश कुमार एक गैर-कांग्रेसी नेता रहे हैं. उनकी राजनीति गैर-कांग्रेसवाद के आसपास है. क्या यह समाप्त हो गया है? भ्रष्टाचार और गैर के साथ समझौता -कांग्रेसवाद! नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार और कांग्रेसवाद का पक्ष लिया. बधाई ! लोग लोकसभा और विधानसभा चुनावों में जवाब देंगे.' प्रसाद ने आगे कहा, 'मैं कहूंगा कि भाजपा ने नीतीश कुमार को अपने कंधों पर एक बड़ा नेता बनाया. अटल जी ने 2005 में जेडीयू नेताओं के विरोध के बावजूद उन्हें रेल मंत्री, बिहार का मुख्यमंत्री और सीएम उम्मीदवार बनाया.
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अरुण सिंह ने घोषणा की थी कि हम चुनाव लड़ेंगे. 2024 में और 2025 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव में जदयू के साथ. कब से साजिश रची जा रही थी?' इस बीच, नीतीश कुमार आज राजभवन में बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. मंगलवार को बिहार के राज्यपाल से मुलाकात के बाद राजद के तेजस्वी यादव के साथ एक संयुक्त प्रेस में नीतीश कुमार ने कहा हमारे महागठबंधन में निर्दलीय विधायक सहित सात दलों के 164 विधायक हैं.