देहरादून :उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता में वापसी की है. बीजेपी ने 70 में से 47 सीटें जीतकर इस मिथक को तोड़ दिया कि उत्तराखंड में सरकारें रिपीट नहीं होती हैं. हालांकि, पार्टी को पिछली बार की 57 सीटों के मुकाबले इस बार 47 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा है, लेकिन उत्तराखंड में अगले पांच साल तक भाजपा फिर सरकार चलाएगी. वहीं, कुमाऊं जनपद में इस बार भाजपा ने 18 सीटें जीती हैं. जबकि, कांग्रेस के हिस्से में 11 सीटें आई हैं.
भाजपा ने अल्मोड़ा जिले की छह सीटें जीतीं :उत्तराखंड की सांस्कृतिक राजधानी अल्मोड़ा जिले की पांच सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की हैं. बीजेपी ने अल्मोड़ा जिले में भी कांग्रेस का लगभग सूपड़ा साफ कर दिया. हालांकि, अल्मोड़ा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी मनोज तिवारी ने यह जिले में कांग्रेस का खाता खोल दिया है.
द्वाराहाट से लेकर सल्ट तक भाजपा जीती : अपने मंदिर समूहों के लिए विश्व प्रसिद्ध द्वाराहाट सीट पर बीजेपी के अनिल शाही ने कांग्रेस के मदन बिष्ट को शिकस्त दी. अल्मोड़ा के जिला मुख्यालय रानीखेत सीट पर बीजेपी के प्रमोद नैनवाल ने कांग्रेस के करन महरा को हरा दिया. सोमेश्वर सीट पर बीजेपी की तेज तर्रार नेता और कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कांग्रेस के राजेंद्र बाराकोटी को परास्त किया.
सल्ट विधानसभा सीट पर बीजेपी के महेश जीना ने कांग्रेस के बाहुबली रणजीत रावत को शिकस्त दी. भगवान शिव के धाम से प्रसिद्ध जागेश्वर सीट पर बीजेपी प्रत्याशी मोहन सिंह मेहरा ने कांग्रेस के गोविंद सिंह कुंजवाल को परास्त कर दिया. कुंजवाल 2012 की कांग्रेस सरकार के दौरान विधानसभा अध्यक्ष रहे थे.
बागेश्वर में भी बीजेपी का क्लीन स्वीप: अल्मोड़ा के पड़ोसी जिले भगवान बागनाथ की नगरी बागेश्वर में भी बीजेपी ने क्लीन स्वीप कर दिया. इस जिले में विधानसभा की दो सीट हैं. दोनों सीटें बीजेपी के खाते में गई हैं. जिले की कपकोट सीट पर बीजेपी के सुरेश गड़िया ने कांग्रेस के ललित मोहन फर्स्वाण को मात दी है. बागेश्वर सीट पर बीजेपी के चंदन राम दास ने कांग्रेस प्रत्याशी रंजीत दास को हराया.
चंपावत की सीटें बीजेपी-कांग्रेस ने बांटीं: चंपावत जिले की दो विधानसभा सीटें बीजेपी और कांग्रेस ने आपस में बांट ली हैं. जिले की लोहाघाट सीट पर कांग्रेस के खुशाल सिंह अधिकारी ने बीजेपी के पूरन सिंह फर्त्याल को हरा दिया है. वहीं, चंपावत सीट पर बीजेपी के कैलाश गहतोड़ी ने कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल को शिकस्त दी.
नैनीताल में भी बीजेपी का टैंपो हाई: नैनीताल जिले की छह विधानसभा सीटों में से पांच पर बीजेपी का परचम लहराया है. नैनीताल सीट से बीजेपी की प्रत्याशी सरिता आर्य ने कांग्रेस के संजीव आर्य को तगड़ी शिकस्त दी है. ये वही सरिता आर्य हैं जिन्हें कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया था. तब सरिता कांग्रेस की महिला प्रदेश अध्यक्ष थीं. जब यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव ने कांग्रेस में वापसी की और ये तय हो गया कि संजीव आर्य को कांग्रेस नैनीताल से टिकट देगी तो सरिता ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. बीजेपी ने भी लगे हाथ सरिता आर्य को नैनीताल सीट से टिकट दिया और आज सरिता आर्य ने बीजेपी के निर्णय को जीत के साथ सही ठहरा दिया है.
भीमताल से भाजपा प्रत्याशी राम सिंह कैड़ा ने कांग्रेस प्रत्याशी दान सिंह भंडारी को शिकस्त दी है. हल्द्वानी से कांग्रेस के सुमित हृदयेश ने भाजपा प्रत्याशी जोगेन्द्र रौतेला को हराया है. सुमित कांग्रेस की दिग्गज नेता रहीं इंदिरा हृदयेश के बेटे हैं. इंदिरा हृदियेश का 2021 में देहांत हो गया था. उनकी हल्द्वानी सीट से कांग्रेस ने उनके बेटे सुमित को उम्मीदवार बनाया था.
लालकुआं के बादशाह बने मोहन सिंह बिष्ट : उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में नैनीताल जिले की लालकुआं सीट सबसे हॉट सीट बन गई थी. इस सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत चुनाव लड़ रहे थे. लालकुआं से भाजपा ने मोहन सिंह बिष्ट को प्रत्याशी बनाया था. हरीश रावत के राजनीतिक ग्लैमर के आगे उनकी ज्यादा चर्चा नहीं हो रही थी. लेकिन आज जब मतगणना शुरू हुई तो हरीश रावत शुरू से ही पीछे रहे. अंत में मोहन सिंह बिष्ट ने हरीश रावत को शिकस्त देकर उनके मुख्यमंत्री बनने के सपने को चकनाचूर कर दिया.
कालाढूंगी में कैबिनेट मंत्री बंशीधर जीते:कालाढूंगी से भाजपा प्रत्याशी बंशीधर भगत ने कांग्रेस के महेश शर्मा को हरा दिया. बंशीधर भगत उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं. अभी वो धामी सरकार में पांच विभागों के कैबिनेट मंत्री थे. रामनगर सीट से बीजेपी के दीवान सिंह बिष्ट ने कांग्रेस के महेंद्र पाल हरा दिया है. रामनगर वही सीट है जहां से पहले हरीश रावत चुनाव लड़ने वाले थे. रणजीत रावत से विवाद के बाद हरीश रावत को लालकुआं से टिकट दिया गया था. उधर रणजीत रावत को सल्ट भेज दिया गया था.
पिथौरागढ़ में 50-50 : पिथौरागढ़ की चार विधानसभा सीटों में से बीजेपी और कांग्रेस ने दो-दो सीटें जीतकर मामला 50-50 रखा है. जिले की धारचूला सीट पर बीजेपी के धन सिंह धामी कांग्रेस के हरीश सिंह धामी से चुनाव हार गए. डीडीहाट सीट पर कैबिनेट मंत्री और बीजेपी के बिशन सिंह चुफाल ने कांग्रेस के प्रदीप पाल सिंह को हरा दिया. पिथौरागढ़ सीट पर कांग्रेस के मयूख महर ने बीजेपी की चंद्रा पंत को हरा दिया है. चंद्रा पंत दिवंगत प्रकाश पंत की पत्नी हैं. प्रकाश पंत के निधन के बाद बीजेपी ने चंद्रा पंत को उप चुनाव में उतारा था. तब चंद्रा ने जीत हासिल की थी. 2022 के चुनाव में चंद्रा पंत को हार मिली है. गंगोलीहाट सीट से बीजेपी के फकीर राम ने कांग्रेस के खजान चंद्र गुड्डू को हरा दिया है.
उधम सिंह नगर ने बचाई कांग्रेस की लाज : कुमाऊं मंडल के मैदानी जिले उधम सिंह नगर की नौ में से पांच सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है. चार सीटें बीजेपी के खाते में गई हैं. जसपुर सीट पर कांग्रेस के आदेश सिंह चौहान ने बीजेपी के शैलेंद्र मोहन सिंघल को हरा दिया. किच्छा सीट पर कांग्रेस के तिलकराज बेहड़ ने बीजेपी के राजेश शुक्ला को शिकस्त दी है. नानकमत्ता सीट पर कांग्रेस के गोपाल सिंह राणा ने बीजेपी के प्रेम सिंह राणा को हराया है.