देहरादून:उत्तराखंड चुनाव 2022 के परिणाम सामने आ गए हैं. ऐसे में गढ़वाल मंडल (garhwal region) में इस बार अधिकांश बीजेपी प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है. उत्तराखंड की 41 विधानसभा सीट गढ़वाल मंडल में आती हैं. लिहाजा, गढ़वाल मंडल की अधिकांश सीटों पर जीत हासिल करके बीजेपी एक बार फिर प्रदेश में सरकार बनाने जा रही है. 2017 के चुनाव की बात करें तो गढ़वाल मंडल की 34 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. वहीं, इस चुनाव में बीजेपी को कुछ सीटें गंवानी पड़ी हैं.
गढ़वाल मंडल में सीटों का समीकरण देखें तो कुछ हद तक देहरादून और पूरा हरिद्वार जिला मैदानी है. इन दोनों जिलों में मिलाकर 21 विधानसभा सीटें हैं. बाकी 5 जिलों उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, चमोली और पौड़ी जिले में 20 विधानसभा सीटें हैं. इन सभी जिलों में ठाकुर और ब्राह्मण मतदाता ही हार-जीत के मुख्य समीकरण तय करते हैं. इस चुनाव में गढ़वाल मंडल में 391 प्रत्याशियों ने अपना भाग्य आजमाया. जिसमें से भाजपा ने 65% से ज्यादा ठाकुर और ब्राह्मण जाति के प्रत्याशी मैदान में उतरा था. वहीं, कांग्रेस ने भी करीब इतने ही प्रतिशत ठाकुर और ब्राह्मण जाति के नेताओं को प्रत्याशी बनाया था. लेकिन इस चुनाव में भी गढ़वाल मंडल में बीजेपी प्रत्याशियों ने कांग्रेस के प्रत्याशियों को पछाड़ा है.
वहीं, इस चुनाव में भी गढ़वाल मंडल को लेकर कांग्रेस और भाजपा की अपनी-अपनी प्राथमिकताएं रहीं थी. कांग्रेस ने हरीश रावत और दूसरे समीकरणों के चलते खुद को कुमाऊं में मजबूत माना और इसको लेकर कुमाऊं में ज्यादा मेहनत की. लेकिन हरीश रावत को लालकुआं विधानसभा के करारी शिकस्त मिली. वहीं, बीजेपी ने भी गढ़वाल में खुद को मजबूत मानते हुए कुमाऊं पर अधिक जोर दिया. हालांकि, सीएम धामी खटीमा विधानसभा से चुनाव हार गए.
उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में ही चारधाम (गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ) है. कांग्रेस ने अपने चुनावी एजेंडे में चारधाम का ही नारा दिया है और उन्होंने चारधाम चार काम के नाम से लोगों को प्रभावित करने की कोशिश की लेकिन बीजेपी हिंदुत्व की लाइन पर चलती रही, लिहाजा गढ़वाल मंडल में अपने इसी एजेंडे के तहत बीजेपी खुद को मजबूत मानती रही और गढ़वाल मंडल में इस बार 29 सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशी जीते.
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ओवरऑल देखा जाए तो गढ़वाल मंडल में 2017 के चुनाव की तरह इस बार भी बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा रहा है. जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों के आधार पर बीजेपी बढ़त बनाने में कामयाब रही और गढ़वाल की 41 सीटों में से 29 सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों ने जीत हासिल की. जबकि, पिछले चुनाव में बीजेपी ने गढ़वाल मंडल से 34 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं, इस बार कांग्रेस ने गढ़वाल मंडल में 8 सीटें हासिल की है. जबकि, बसपा को दो और दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की है.
मुस्लिम और दलित आबादी का गठजोड़:उत्तराखंड में धार्मिक रूप से जनसंख्या का वर्गीकरण करें तो राज्य में 83% हिंदू, 14% मुस्लिम और 2.4% सिख आबादी है. गढ़वाल मंडल में 41 विधानसभा सीटों में करीब 12 विधानसभा सीटों में मुस्लिम और दलित गठजोड़ चुनाव जीतने के लिए बेहद अहम है. उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में करीब 15% मुस्लिम वोटर हैं. इसमें 8 विधानसभा सीटें हरिद्वार जिले की हैं. जबकि, 3 विधानसभा सीटें देहरादून जिले की हैं और एक विधानसभा सीट पौड़ी की है. हालांकि, मुस्लिम और दलित आबादी बाकी विधानसभा सीटों में भी है, लेकिन निर्णायक भूमिका में दोनों का गठजोड़ इन12 सीटों पर महत्वपूर्ण रहता है.
वहीं, उत्तराखंड में 13 विधानसभा सीटें में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. जबकि 2 विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. इसमें 13 आरक्षित सीटों में 8 विधानसभा सीटें गढ़वाल मंडल में हैं. जबकि 1 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट भी गढ़वाल मंडल में है. उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में 18% दलित वोटर हैं.
ऐसे में इस बार हरिद्वार जिले में बीजेपी को पांच सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है. जहां 2017 के चुनाव में बीजेपी ने हरिद्वार जिले में आठ सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं, इस बार बीजेपी को तीन सीटों पर ही संतुष्ट होना पड़ा है. इस चुनाव में बसपा की वापसी हुई है और दो सीटों पर बसपा प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है. जबकि, एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत हासिल की है.
इस विधानसभा चुनाव में हरिद्वार जिले 11 विधानसभा सीटों में इस बार बीजेपी ने केवल तीन ही सीटों पर जीत हासिल की है. जबकि, पांच सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है. वहीं, इस चुनाव में बसपा की वापसी हुई है और दो सीटों पर चुनाव जीतने में बसपा प्रत्याशी कामयाब हुए हैं. जबकि, एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज कराई है.
यहां रुड़की विधानसभा सीट से जहां बीजेपी के सीटिंग विधायक प्रदीप बत्रा ने जीत हासिल की है. वहीं, हरिद्वार सीट से सीटिंग विधायक मदन कौशिक ने भी पांचवीं बार विधानसभा चुनाव जीता है. वहीं, रानीपुर बीएचईएल विधानसभा से भी सीटिंग विधायक आदेश चौहान जीत हासिल करने में कामयाब हुए हैं.