बोक्सानगर: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मणिक साहा ने कहा कि राज्य के मुख्य विपक्षी दल टिपरा मोथा के उपचुनाव में हिस्सा नहीं लेने के फैसले से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को लाभ होगा. हालांकि, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने दावा किया कि यह कदम भाजपा विरोधी वोटों को संघटित करेगा. भाजपा शासित त्रिपुरा में मुख्य विपक्षी दल टिपरा मोथा ने शुक्रवार को कहा था कि वह सिपाहीजाला जिले की धनपुर और बोक्सानगर सीटों पर पांच सितंबर को होने वाले उपचुनाव में किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं करेगा.
मुख्यमंत्री ने एजेंसी से कहा, 'टिपरा मोथा का निर्णय अहम है, क्योंकि वह भाजपा विरोधी मतों को संघटित करने के विपक्षी दलों के प्रयासों में शामिल नहीं हुआ. हमारी पार्टी को इस फैसले से यकीनन फायदा होगा. मुझे विश्वास है कि भाजपा दोनों सीटों पर भारी मतों के अंतर से जीत दर्ज करेगी.' उपचुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व कर रहे साहा ने कहा कि लोगों के बीच भाजपा के बारे में गलत धारणा है.
इस वर्ष राज्य में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा बोक्सानगर सीट हार गई थी. बोक्सानगर विधानसभा क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय के 50 प्रतिशत से अधिक मतदाता हैं. वहीं, भाजपा विरोधी वोटों के विभाजन के कारण पार्टी को धनपुर सीट पर जीत हासिल हुई थी. साहा ने यहां पार्टी की बैठक के बाद कहा, 'इस बार हम गलत धारणा को मिटाने में सफल रहे हैं. यह प्रधानमंत्री के नारे ‘सबका साथ, सबका विकास’ से संभव हुआ. प्रधानमंत्री सभी के लिए काम कर रहे हैं, किसी खास समुदाय के लोगों के लिए नहीं.'
हालांकि, माकपा की राज्य इकाई के सचिव जितेंद्र चौधरी ने दावा किया कि टिपरा मोथा के कार्यकर्ता वामपंथी कार्यकर्ताओं के साथ काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'टिपरा मोथा की (उपचुनाव नहीं लड़ने की) घोषणा एक रणनीतिक बयानबाजी है. जमीनी हकीकत यह है कि टिपरा मोथा और माकपा के कार्यकर्ता उपचुनाव के लिए साथ काम कर रहे हैं. इसके अलावा, उन्होंने (टिपरा मोथा) मतदाताओं से भाजपा के पक्ष में मतदान करने को भी नहीं कहा है.'