नई दिल्ली :गुजरात की सूरत जिला अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को अप्रैल 2019 में उनकी 'मोदी सरनेम' टिप्पणी के मामले में दोषी ठहराया है. सूरत की अदालत का फैसला आने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कहा कि राहुल गांधी आलोचना नहीं करते है, बल्कि देश और जनता को बदनाम करते हैं. यहां भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने पत्रकारों को बताया कि राहुल गांधी जी को सूरत की एक कोर्ट ने मानहानि के मामले में दो साल की सजा दी है. इस पर कांग्रेस पार्टी बहुत कुछ कह रही है, लेकिन ये नहीं बता रही है कि राहुल गांधी ने कहा क्या.
उन्होंने कहा, "आलोचना का हम सम्मान करते हैं, लेकिन राहुल गांधी आलोचना नहीं करते हैं, राहुल गांधी देश को बदनाम करते हैं, जनतंत्र को बदनाम करते हैं और देश की जनता को बदनाम करते हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज कहा कि कोर्ट के फैसले को बार-बार बदला गया है. उनके इस बयान से साफ है कि कांग्रेस पार्टी कोर्ट में विश्वास नहीं करती है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या ये न्यायपालिका को भी अपनी जेब में रखना चाहती है. राफेल मामले में भी राहुल गांधी ने कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया था और फिर माफी मांगी थी.
उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने कर्नाटक में 2019 की चुनावी रैली में कहा था कि सारे चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? राहुल गांधी ने कहा कि मैं सत्य और अहिंसा में विश्वास रखता हूं. क्या सत्य और अहिंसा में विश्वास करना लोगों को अपमानित करना है? देश को जातिसूचक गाली देना है? अगर राहुल गांधी को अपनी जिद्द से लोगों को अपमानित करने का और गाली देने का अधिकार है तो उनकी गाली से पीड़ित लोगों को मानहानि का केस करने का अधिकार है. भारत के कानून में है कि यदि किसी व्यक्ति या संगठन को गलत बयानों, निंदनीय टिप्पणियों, गालियों या किसी मानहानिकारक टिप्पणियों से बदनाम किया गया है, तो उसे न्याय मांगने का अधिकार है. लेकिन कांग्रेस पार्टी को इससे आपत्ति है. वह चाहती है कि राहुल गांधी को गालियां देने की पूरी आजादी मिले.