दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाकर बीजेपी ने साधा कुमाऊं-गढ़वाल में क्षेत्रीय और जातीय समीकरण - news cm in uttarakhand

उत्तराखंड में 2022 विधानसभा चुनाव नजदीक है और ऐसे में राज्य के दो बड़े पद (मुख्यमंत्री और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष) गढ़वाल मंडल के नेताओं के पास थे. जिसके मद्देनजर बीजेपी ने कुमाऊं-गढ़वाल में क्षेत्रीय और जातीय समीकरण बनाने के लिए कुमाऊं की खटीमा सीट से विधायक पुष्कर सिंह धामी को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया है.

Political upheaval in Uttarakhand
बीजेपी का क्षेत्रीय समीकरण

By

Published : Jul 2, 2021, 10:53 PM IST

Updated : Jul 3, 2021, 4:42 PM IST

देहरादून: खटीमा से युवा बीजेपी विधायक पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड नया मुख्यमंत्री चुन लिया गया है और इसके साथ ही राज्य में सियासी संकट खत्म हो चुका है. राज्य में पूर्ण बहुमत वाली बीजेपी सरकार ने 5 वर्ष के भीतर ही उत्तराखंड को 3 मुख्यमंत्री दे दिए हैं. माना जा रहा है कि बीजेपी ने 2022 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर क्षेत्रीय समीकरण साधने के लिए यह कदम उठाया है.

  • प्रत्येक 5 वर्षों में बदली हैं राज्य में सरकारें

उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से यहां प्रत्येक 5 साल में सरकारें बदली हैं और राज्य में 2 मंडल होने के मद्देनजर राजनीतिक पार्टियों ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करने और चुनावी समीकरण साधने के लिए सीएम और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के पद में संतुलन बनाया है. प्रदेश में हमेशा देखा गया है कि मुख्यमंत्री गढ़वाल मंडल का होने पर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष कुमाऊं का बनाया जाता है. वहीं, अगर सीएम कुमाऊं मंडल का हो तो पार्टी अध्यक्ष गढ़वाल का रहता है.

बीजेपी का क्षेत्रीय समीकरण
  • बीजेपी का क्षेत्रीय समीकरण

उत्तराखंड में इस वक्त बीजेपी की सरकार है. बीजेपी-कांग्रेस दोनों ने उत्तराखंड में हमेशा से क्षेत्रीय और जातीय समीकरण साधने की कोशिश की है. उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार रहते ऐसा सिर्फ 2 ही बार ऐसा हुआ है जब राज्य के दो बड़े पद (मुख्यमंत्री-पार्टी प्रदेश अध्यक्ष) एक मंडल के नेताओं के पास रहे हों. ऐसा पहली बार तब हुआ था, जब भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री थे, उस वक्त पूरन चंद्र शर्मा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे. यह दोनों नेता कुमाऊं मंडल से थे, लेकिन यहां पर भी बीजेपी ने जातीय समीकरण साधने की कोशिश की थी. वर्तमान में उत्तराखंड में दूसरी बार 2 दो बड़े पद एक मंडल के नेताओं के पास हैं.

  • कोश्यारी से धामी तक बीजेपी का जातीय और क्षेत्रीय समीकरण

2007 में भुवन चंद्र खंडूरी उत्तराखंड के सीएम बने तो तब कुमाऊं के बची सिंह रावत को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने का यह सिलसिला रमेश पोखिरियाल निशंक, त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत और अब पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनने तक बरकरार है. निशंक के समय में कुमाऊं से बिशन सिंह चुफाल पार्टी अध्यक्ष रहे और उसके बाद क्रमशः अजय भट्ट, बंशीधर भगत और अब मदन कौशिक पार्टी अध्यक्ष बनाए गए. इसके अलावा बीजेपी ने हमेशा से इन पदों पर राजपूत-ब्राह्मण का संतुलन भी बनाए रखा है.

पुष्कर सिंह धामी बने सीएम

उत्तराखंड में CM बदला तो जानिए कौन बन सकता है अगला मुख्यमंत्री ?

  • धामी के सीएम बनने से बीजेपी में कितना संतुलन

पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के करीबी माने जाने वाले पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनने के बाद बीजेपी को कुमाऊं क्षेत्र में ज्यादा मजबूती मिल सकती है. धामी आसएसएस (RSS) पृष्ठभूमि के नेता और एबीवीपी के कई अहम पदों पर रह चुके हैं वह बीजेपी युवा मोर्चा के 2 बाद प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. गढ़वाल मंडल के मुकाबले बीजेपी के पास कुमाऊं में कोई ज्यादा बड़े नेता नहीं थे. गढ़वाल में बीजेपी के पास त्रिवेंद्र सिह रावत, सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत, धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल जैसे दिग्गज नेता है जो गढ़वाल क्षेत्र में अपने दम पर बीजेपी को मजबूती देने का मादा रखते हैं.

  • उत्तराखंड में गढ़वाल का पलड़ा भारी

उत्तराखंड की राजनीति को समझने के लिए पहाड़ी और मैदानी इलाकों का समीकरण समझना जरूरी है. 2017 चुनाव और उसके बाद से गढ़वाल क्षेत्र में बीजेपी की पलड़ा भारी हुआ है. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने वाले नेताओं ने इस क्षेत्र में बीजेपी को मजबूती दी है.

  • कांग्रेस का समीकरण

बीजेपी की तरह ही कांग्रेस भी जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने में लगी रही. उत्तराखंड राज्य बनने के बाद 2002 में विधानसभा चुनाव कराए गए थे और कांग्रेस सत्ता पर काबिज हुई थी. उस दौरान कुमाऊं रीजन के नारायण दत्त तिवारी को मुख्यमंत्री बनाया गया था. उस वक्त कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हरीश रावत थे. राज्य को 3 मुख्यमंत्री देने वाली कांग्रेस के समय में 2 बार ऐसा हो चुका है जब एक ही रीजन के सीएम और पार्टी अध्यक्ष बनाए गए हैं. हालांकि, इसमें जातीय समीकरण बरकरार था.

Last Updated : Jul 3, 2021, 4:42 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details