नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर दुर्घटना (Bipin Rawat Chopper Crash) में मृत्यु के संबंध में गुरुवार को लोकसभा को बताया कि एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में तीनों सेनाओं की एक संयुक्त टीम ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है.
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही राजनाथ सिंह ने अपने बयान (rajnath singh statement in parliament) में कहा, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल बिपिन रावत बुधवार को वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के छात्रों से संवाद करने के लिए पूर्व निर्धारित यात्रा पर थे.
सिंह के अनुसार, जनरल रावत ने अपनी पत्नी और 12 अन्य लोगों के साथ सुलुर से एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर से पूर्वाह्न 11 बजकर 48 मिनट पर वेलिंगटन के लिए उड़ान भरी थी जिसे दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर वेलिंगटन में उतरना था. सुलूर वायु यातायात नियंत्रक का 12 बजकर 8 मिनट पर हेलीकॉप्टर से संपर्क खो गया. बाद में कुन्नूर के पास जंगल में स्थानीय लोगों ने आग लगी देखी. मौके पर जाकर उन्होंने हेलीकॉप्टर को आग की लपटों से घिरा देखा जिसके बाद स्थानीय प्रशासन का एक बचाव दल वहां पहुंचा.
रक्षा मंत्री ने बताया कि हेलीकॉप्टर में से लोगों को निकालकर यथाशीघ्र वेलिंगटन के सैन्य अस्पताल पहुंचाया गया. उन्होंने बताया कि इस दुर्घटना में हेलीकॉप्टर में सवार कुल 14 लोगों में से 13 की मृत्यु हो गयी जिनमें सीडीएस जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी शामिल हैं.
सिंह ने बताया कि अन्य मृतकों में सीडीएस के रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर, सीडीएस के सैन्य सलाहकार एवं स्टाफ अफसर लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, विंग कमांडर प्रतीक सिंह चौहान, स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह, जूनियर वारंट अधिकारी राणा प्रताप दास, जूनियर अधिकारी अरक्कल प्रदीप, हवलदार सतपाल, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेन्द्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार और लांस नायक वीर साई तेजा शामिल थे.
कैप्टन वरुण सिंह लाइफ सपोर्ट पर
उन्होंने बताया कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह वेलिंगटन के सैन्य अस्पताल में जीवन रक्षक प्रणाली पर हैं.