पटना : नीति आयोग की बैठक के बाद से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग एक बार फिर से बुलंद होते दिख रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विशेष राज्य के दर्जे को प्रदेश के लिए जरूरी बताया. उन्होंने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे को लेकर नीति आयोग की मीटिंग में हमने प्रधानमंत्री के सामने अपनी बातों को रखा और कहा कि बिहार में बहुत काम हो रहा है और फिलहाल इसकी बहुत जरूरत है.
विशेष दर्जे के लिए जद्दोजहद
बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा क्यों जरूरी है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सीएम नीतीश कुमार ने इसके लिए पटना से लेकर दिल्ली तक कई आंदोलन किए. इसके अलावा विधानसभा और विधान परिषद से सर्वसम्मति से प्रस्ताव भी पारित कराया.
विशेष दर्जे को लेकर एक करोड़ से अधिक हस्ताक्षर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भेजे. साथ ही नीतीश कुमार की अगुवाई में दिल्ली में सम्मेलन भी किया. नीतीश कुमार ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी इसे मुद्दा बनाया.
बिहार के विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग बिहार के लिए क्यों जरूरी हैविशेष दर्जा
विशेष राज्य का दर्जा मिलने से बिहार में औद्योगिक निवेश बढ़ेगा. केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि में 90 प्रतिशत अनुदान, 10 प्रतिशत बिना ब्याज का कर्ज मिलेगा. एक्साइज, कस्टम और कॉर्पोरेट इनकम टैक्स में रियायत मिलेगी. इसके अलावा प्लांड खर्च के हिस्से की 30 प्रतिशत राशि भी मिलेगी.
बिहार के विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग विशेष राज्य के दर्जे के लिए पैमाना
- राज्य दुर्गम क्षेत्रों वाला पर्वतीय भूभाग हो.
- किसी राज्य की कोई भी सीमा अगर अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगती हो.
- राज्य की प्रति व्यक्ति आय और गैर-कर राजस्व बेहद कम होने पर.
- किसी राज्य में आधारभूत ढांचा नहीं होने या पर्याप्त नहीं होने पर.
- जनजातीय जनसंख्या की बहुलता या जनसंख्या घनत्व बेहद कम हो.
- राज्य का पिछड़ापन, विकट भौगोलिक स्थितियां, सामजिक समस्याएं हो.
''मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नीति आयोग की बैठक में बिहार के विकास को लेकर चिंता की है. उसे विशेष राज्य का दर्जा, समान बिजली दर, सीडी रेशियो और उड़ीसा में बंदरगाह की मांग कर बताने की कोशिश की है''-राजीव रंजन, जदयू प्रवक्ता
वहीं, विशेष राज्य के दर्जे की मांग को दोहराने पर राजद प्रवक्ता ने तंज कसा है. राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारीने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मांग को शुरू से ही बीजेपी के लोग अनसुना करते रहे हैं.
''पहले भी मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय यूनिवर्सिटी के दर्जे की मांग की थी. वो मांग भी पूरी नहीं हुई. विशेष राज्य के दर्जे के मांग का क्या हुआ सबलोग जानते है. आज फिर चर्चा हो रही है. मुख्यमंत्री जनता की आई वाश के लिए ऐसी बातों को दोहराते है. सच्चाई कुछ और है''- मृत्युंजय तिवारी, राजद प्रवक्ता
वहीं, मुख्यमंत्री ने जहरीली शराब को लेकर भी कहा कि विभागीय अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. कुछ लोग गड़बड़ी फैलाने की कोशिश करते हैं, सोशल मीडिया को लेकर एक बार फिर से नीतीश कुमार ने सफाई भी दी और बिना नाम लिए तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा है.
''शराबबंदी पर लगातार सरकार इस पर कार्रवाई कर रही है लेकिन कुछ लोग हैं, जो हमेशा गड़बड़ी फैलाने की कोशिश करते हैं. हम ने इस संबंध में विभाग को कठोर निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सभी लोगों को याद रखना चाहिए, उसमें पत्रकार लोग भी हैं, जिन्होंने गांधी मैदान में 2017 में शराबबंदी को लेकर मानव श्रृंखला में भाग लिया था''-नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
वहीं, मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब सबकी नजर राज्यपाल कोटे से भरे जाने वाले एमएलसी के 12 सीटों पर है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर विधान परिषद के नॉमिनेशन पर कहा कि अभी तक भाजपा की तरफ से लिस्ट नहीं आई है. लिस्ट आते ही हम तो करने के लिए तैयार हैं.