पटना : इंडिया गठबंधन की बैठक सबसे पहले पटना में नीतीश कुमार की पहल पर हुई थी. उस समय तो गठबंधन का नाम भी तय नहीं हुआ था. नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों को एक मंच पर इकट्ठा किया था. लेकिन संयोजक के नाम पर उस बैठक में कोई फैसला नहीं हो पाया. यहां तक कि नीतीश कुमार के नाम पर चर्चा भी नहीं हुई. जबकि कयास लगातार लगाया जा रहे थे कि नीतीश कुमार को संयोजक बना दिया जाएगा.
'सूत्रधार बनेगा संयोजक' : दूसरी बैठक बेंगलुरु में हुई और तीसरी बैठक इंडिया गठबंधन की मुंबई में हुई. अभी हाल ही में दिल्ली में चौथी बैठक हुई है, इन बैठकों में भी नीतीश कुमार के संयोजक बनाए जाने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. ममता बनर्जी की तरफ से प्रधानमंत्री पद के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम आगे जरूर किया गया है, जिस पर कोई भी फैसला नहीं हो पाया. अब कांग्रेस से ही नीतीश कुमार को संयोजक बनाए जाने की चर्चा हो रही है.
नीतीश के कमान संभालते ही बदला परिदृश्य: राजनीतिक विशेषज्ञ प्रिय रंजन भारती इसका बड़ा कारण यह बताते हैं कि अभी हाल ही में नीतीश कुमार ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान संभाली है. ललन सिंह को जिस प्रकार से इस्तीफा देना पड़ा है, उसके बाद कई तरह के कयास लग रहे हैं कि नीतीश कुमार एक बार फिर से एनडीए में पलटी मार लेंगे. कयास के रूप में इसी को वजह समझा जा रहा है. लेकिन संयोजक बनाए जाने पर अभी तक कुछ साफ तस्वीर सामने नहीं आई है.
राजनीतिक विशेषज्ञ प्रोफेसर अजय झाका कहना है कि ''अभी तक आधिकारिक रूप से नीतीश कुमार के संयोजक बनाए जाने की कोई घोषणा नहीं हुई है. कांग्रेस खेमे से कुछ लोगों के कहने का क्या औचित्य है यह स्पष्ट नहीं है. दूसरी तरफ बीजेपी के साथ नेगोशिएशन को लेकर भी जो चर्चा हो रही है, वह भी स्पष्ट नहीं है. जो भी होना होगा 14 जनवरी के बाद ही होगा. जहां तक इंडिया गठबंधन की बात है तो केवल कांग्रेस के फैसले से तय हो जाएगा, यह भी संभव नहीं है. अन्य घटक दल नीतीश कुमार के संयोजक के नाम पर सहमति देंगे इसकी संभावना कम है.''
अब नीतीश के नाम की सुगबुगाहट : जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार के संयोजक बनाए जाने के किसी प्रस्ताव से अनभिज्ञता जाहिर कर रहे हैं. मंत्री संजय झा ने भी कहा कि मुझे कोई जानकारी नहीं है. लेकिन मंत्री जाम खान ने कहा कि ''नीतीश कुमार के संयोजक को लेकर जो लोग बोल रहे हैं, समझदार लोग हैं. नीतीश कुमार क्यों नहीं बन सकते हैं बनेंगे तो काम भी करेंगे.'' वहीं आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि ''नीतीश कुमार सबसे एक्सपीरियंस मुख्यमंत्री हैं. एक बिहारी होने के नाते संयोजक क्या उससे ऊपर का भी पद उन्हें मिले, हम लोग चाहेंगे. लेकिन जो भी फैसला होगा इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच ही होगा.''
''नीतीश कुमार को संयोजक बनाया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री किसी का भी सामना करने में सक्षम है. विपक्षी गठबंधन में जल्द से जल्द सीटों का बंटवारा हो जाना चाहिए था. जितनी देरी होगी, उतना नुकसान होगा.'' - विजय चौधरी, मंत्री, बिहार सरकार