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नवरात्रि में एक साधु की जीवित भूमिगत समाधि, भोपाल में स्वामी पुरुषोत्तमानंद महाराज का हठ योग

देश में इस समय नवरात्रि उत्सव की धूम है. वहीं भोपाल में अग्नि स्नान कर चुके पुरुषोत्तमानंद स्वामी मां की साधना में जीवित भूमिगत समाधि ली है. स्वामी पुरुषोत्तमानंद आज पंचमी से सप्तमी तक समाधिस्थ रहेंगे. समाधि के लिए 7 फीट गहरा 5 फीट चौड़ा और 7 फीट लंबा गड्ढा तैयार किया गया था, जिसमें महाराज ने बैठक अवस्था में समाधि ली. Bhopal Shardiya Navratri, Underground Samadhi Navratri, Sadhana Swami Purushottamand Samadhi, Bhopal Maa Durga penance, Purushottamand Samadhi Panchami to Saptami,hatha yog of swami purushottamand maharaj

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स्वामी पुरुषोत्तमानंद महाराज बैठक समाधि

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Published : Sep 30, 2022, 10:11 PM IST

भोपाल। शारदीय नवरात्र में एक साधु का हठ योग देखने मिला है. अग्निस्नान कर चुके स्वामी पुरुषोत्तमानंद महाराज ने नवरात्र की पंचमी से 72 घंटे की जीवित भूमिगत समाधि ली है. साधू संतों की उपस्थिति में मंत्रोच्चार के साथ स्वामी पुरुषोत्तमानंद महाराज ने भूमिगत समाधि ली. समाधि के लिए 7 फीट गहरा 5 फीट चौड़ा और 7 फीट लंबा गड्ढा पहले ही तैयार कर लिया गया था. महाराज ने बैठक अवस्था में समाधि ली है. समाधि के बाद समाधि स्थल को लकड़ी के पटले से ढक दिया गया. Bhopal Shardiya Navratri, Underground Samadhi Navratri, hatha yog of swami purushottamand maharaj

स्वामी पुरुषोत्तमानंद महाराज बैठक समाधि

पुलिस प्रशासन ने रोका लेकिन नहीं माने संत: भूमिगत समाधि के लिए पुरुषोत्तमानंद महाराज को पुलिस प्रशासन ने कई बार रोका, लेकिन उन्होंने तय तिथि से पंचमी को 11 बजकर 10 मिनिट पर भूमिगत समाधि ले ली. समाधि लेने के पहले भूमि पूजन किया गया. स्वामी जी नौ दिन के निर्जला निराहार व्रत पर हैं. समाधि में पुरुषोत्तमानंद महाराज बैठक मुद्रा में बैठे हैं. पंचमी तिथी को ग्यारह बजकर 10 मिनिट पर पुरुषोत्तमानंद महाराज ने समाधि ली है. समाधि लेने के बाद समाधि स्थल को लकड़ी के पटले से ढक दिया गया. उस पर लाल कपड़ा बिछाया गया है और मिट्टी भी डाली गई है. स्वामी पुरुषोत्तमानंद अष्टमी को इस समाधि को पूरा कर बाहर आएंगे.

Swami Samadhi: मां की साधना में जीवित भूमिगत समाधि, पंचमी से सप्तमी तक समाधिस्थ रहेंगे स्वामी पुरुषोत्तमानंद

नवरात्र में ये एतिहासिक समाधि:इस अवसर पर मौजूद महंत अनिलानंद महाराज उदासीन ने कहा कि भोपाल में अपनी तरह की ये पहली विशिष्ट समाधि है. ये शारदीय नवरात्र इसलिए भी खास हो गया है कि स्वामी पुरुषोत्तमानंद महाराज ने इतनी कठिन साधना चुनी. क्या इस दौरान उनका स्वास्थ्य चैकअप होगा. अनिलानंद महाराज कहते हैं मां भगवती की कृपा रही तो इसकी कोई आवश्यक्ता नहीं होगी. स्वामी पुरुषोत्तमानंद कठिन उपासक हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि वो ये साधना पूर्ण करके बाहर आएंगे. स्वामी अनिलानंद महाराज का कहना है कि जगत के कल्याण के लिए उन्होंने ये समाधि ली है.

मां के आदेश पर लिया समाधि का निर्णय: स्वामी पुरुषोत्तमानंद ने समाधि लेने से पूर्व कहा कि समाधि की प्रेरणा उनहें मां भगवती ने दी थी. उन्होने ही मां को तीन दिन और 72 घंटे की इस समाधि का आदेश दिया है. पूरे नवरात्र केवल लौंग के दो जोड़े पर व्रत रखने वाले स्वामी पुरुषोत्तमानंद ने कहा कि व्यक्ति समाधि में जाकर ईश्वर के निकट आ जाता है. ये ईश्वर से साक्षात्कार का समय होता है. पुरुषोत्तमानंद महाराज ने कहा कि उनकी ये समाधि जगत के कल्याण के लिए है. महाराज का दावा है कि मां की आराधना में ये भोपाल में अपनी तरह की पहली समाधि है. (Bhopal Shardiya Navratri) (Underground Samadhi Navratri) (Sadhana Swami Purushottamand Samadhi) (Bhopal Maa Durga penance) (Purushottamand Samadhi Panchami to Saptami)(hatha yog of swami purushottamand maharaj)

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